Indian Mujahideen Terrorist: पटियाला हाउस अदालत की एनआईए (NIA) कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के चार आतंकियों को बुधवार (12 जुलाई) को 10 साल की सजा सुनाई. विशेष न्यायाधीश शैलेन्द्र मलिक ने सजा देशभर में आतंकी हमलों के जरिए सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने के साल 2012 के एक मामले में सजा सुनाई है.
कोर्ट ने दानिश अंसारी, आफताब आलम, इमरान खान और ओबैद-उर-रहमान को भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए)के तहत दोषी ठहराया था. इस दौरान अदालत ने कहा था कि चारों ने सात जुलाई को अपना दोष स्वीकर किया था. कोर्ट ने इन चारों को 10 जुलाई को ही दोषी करार दिया था.
किन धाराओं के तहत केस हुआ था?
एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 121 ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का षड्यंत्र) और धारा 123 (युद्ध छेड़ने की योजना को आसान बनाने के इरादे से छिपाना) के तहत सितंबर, 2012 में एक मामला दर्ज किया था.
आतंकियों को यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी गतिविधियों के लिए पैसा जुटाना), धारा 18 (आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के लिए साजिश), धारा 18ए (आतंकी शिविरों का आयोजन), धारा 18 बी (आतंकवादी वारदात के लिए लोगों की भर्ती करना) और धारा 20 (किसी आतंकी संगठन का सदस्य होना) के तहत भी आरोपी बनाया गया था.
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