राम मंदिर बनवाने ईंट लेकर अयोध्या पहुंचा मुस्लिम कारसेवक संघ
नई दिल्लीः राम मंदिर निमार्ण का समर्थन करते हुए भारतीय मुस्लिम कारसेवक संघ के अध्यक्ष मोहम्मद आज़म खान शुक्रवार ईंट लेकर अयोध्या पहुंचे. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुस्लिम कारसेवक संघ मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रक ईंट लाया.
राम मंदिर बनाने के लिए ईंट लाने के सवाल पर मोहम्मद आज़म खान ने कहा, 'मैं एक पठान हूं , हमारे पूर्वज क्षत्रिय रहे होंगे, राम भी क्षत्रिय थे. हम मुस्लिम नफरत को मिटाकर एकता और प्यार बांटना चाहते हैं. हम मुस्लिम राम मंदिर निर्माण का समर्थन करना चाहते हैं.'
UP: Muslim Karsewak Manch members arrive in Ayodhya with a truck full of bricks as part of their campaign to build Ram Temple pic.twitter.com/jgjxK4DrT6
— ANI UP (@ANINewsUP) April 21, 2017
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
1949 में विवादित ढांचे में रामलल्ला की मूर्ति अचानक प्रकट हुई. इस पर हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच विवाद हुआ. इस मुसलमानों से एफआईआर दर्ज कराई कि यह मूर्तियां बाहर से लाकर रखी गई हैं. निचली अदालत ने वहां ताला लगा दिया. इसके दस साल बाद निर्मोही अखाड़े ने विवादित ढांचे पर अपना मालिकाना हक जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया. फिर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अपना हक जताया. कोर्ट ने यथास्थिति बनाये रखने के आदेश दिये.
1986 तक स्थिति बनी रही फिर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ताला खुलवा दिया. दूसरा मोड़ 1989 में आया जब राजीव गांधी सरकार ने ही शिलान्यास की अनुमति दी. सबसे अहम फैसला, 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवाद को सुलझाने के लिए एक बीच का रास्ता निकाला था, लेकिन उस फैसले के बाद भी स्थिति अभी 6 साल पहले वाली ही बनी हुई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ भूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था, राम मूर्ति वाला हिस्सा रामलला विराजमान को, राम चबूतरा और सीता रसोई का हिस्सा निर्मोही अखाड़ा को और तीसरा हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का आदेश दिया था.