Indian Naval Ship Yard: पहली बार यूएस नेवल शिप मरम्मत के लिए पहुंचा भारत, रक्षा मंत्रालय ने कहा- ‘मेक इन इंडिया’ का है प्रभाव
अमेरिका का यह पोत मरम्मत के लिए 11 दिन तक कट्टूपल्ली के शिपयार्ड में रहेगा. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह पहली बार है, जब अमेरिकी नौसेना का जहाज मरम्मत के लिए भारत पहुंचा है.
Indian Naval Shipyard: स्वदेशी शिप बिल्डिंग उद्योग के लिए रविवार का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. देश मे पहली बार किसी विदेशी नौसेना का जहाज रिपेयर के लिए चेन्नई पहुंचा है. अमेरिकी नौसेना ने एक करार के तहत अपने यूएसएनए चार्ल्स ड्रियू जहाज को मरम्मत के लिए चेन्नई के कट्टूपल्ली स्थित एलएंडटी कंपनी के शिपयार्ड भेजा है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यूएसएनएस चार्ल्स ड्रियू जब एलएंडटी के शिपयार्ड पहुंचा तो उस वक्त वहां खुद रक्षा सचिव, अजय कुमार, भारतीय नौसेना के सह-प्रमुख वाइस एडमिरल एस एन घोरपडे और भारत में अमेरिकी राजनयिकों के अलावा एलएंडटी कंपनी के वरिष्ट अधिकारी भी मौजूद थे.
पहली बार यूएस नेवल शिप पहुंचा भारत
ये पहली बार कि अमेरिकी नौसेना का कोई जहाज भारत में रिपेयर के लिए पहुंचा है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आज का कार्यक्रम दिखाता है कि ग्लोबल शिप रिपेयरिंग मार्केट में भारत के शिपबिल्डिंग क्षमताओं को दर्शाता है. क्योंकि भारत के शिपयार्ड एडवांस्ड मेरीटाइम टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के साथ बेहद ही कम लागत में समुद्री-जहाजों की मरम्मत और मेंटेनेंस सेवाएं प्रदान करते हैं.
मेक इन इंडिया को बड़ा बूस्ट
रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि चार्ल्ड ड्रियू के एलएंडटी के शिपयार्ड में रिपेयर के लिए पहुंचना मेक इन इंडिया और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को एक बड़ा बूस्ट देता है. इसके अलावा भारत और अमेरिका के सामरिक संबंधों में एक नया आयाम जुड़ गया है.
रविवार को एलएंडटी के शिपयार्ड में अमेरिकी जहाज के स्वागत के समय बोलते हुए रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि आज का कार्यक्रम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा और इससे दोनों देशों के संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ गया है. अजय कुमार ने बताया कि चार्ल्स ड्रियू का चेन्नई आना भारत के मैच्योर शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री का उदाहरण है. पिछले 5-6 सालों में भारत के रक्षा-निर्यात में 800 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 2014-15 में जो एक्सपोर्ट मात्र 1500 करोड़ था, वो पिछले साल यानी 2020-21 में 13 हजार करोड़ तक पहुंच गया है.
भारत में कितने वर्किंग नेवल शिपयार्ड
आपको बता दें कि भारत में इस वक्त छह प्राईवेट और सरकारी शिपयार्ड हैं जिनका कुल टर्नओवर 2 बिलियन डॉलर है और जहां स्टेट ऑफ द आर्ट जहाजों का निर्माण होता है. गोवा शिपयार्ड ने हाल ही में देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट का निर्माण कर भारतीय नौसेना को सौंपा है. इस वक्त भारतीय नौसेना के 41 युद्धपोतों में से 39 स्वदेशी शिपयार्ड में ही तैयार किए जा रहे हैं. मझगांव डॉकयार्ड में फ्रांस की मदद से छह पनडुब्बियों का निर्माण चल रहा है.
कुल 11 दिनों तक होगी मरम्मत
एलएंडटी के सीईओ, जे डी पाटिल ने बताया कि अमेरिकी नौसेना की मेरीन सीलिफ्ट कमांड ने भारत के शिपयार्ड्स का कठोर मूल्यांकन करने के बाद ही अपने जहाजों को रिपेयर के लिए यहां भेजा है. ये कट्टूपल्ली शिपयार्ड में विश्व स्तरीय आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से संभव हो पाया है. चार्ल्स ड्रियू अगले 11 दिनों तक कट्टूपल्ली में रिपेयर और एलाइड-सर्विसेज के लिए रहेगा.