Naval Anti Ship Missile: भारत रक्षा क्षेत्र में आए दिन नई ऊंचाइयां छू रहा है. भारतीय नौसेना और डीआरडीओ (DRDO) ने मंगलवार (21 नवंबर) को ही स्वदेशी नेवल एंटी शिप मिसाइल (Naval Anti Ship Missile) का सफल परिक्षण किया.
ये परिक्षण सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर के जरिए किया गया है. नौसेना ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि ये मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अहम कदम है. नौसेना ने इसका वीडिया जारी किया है. इसमें आप देख सकते हैं कि सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर के माध्यम से नेवल एंटी शिप मिसाइल का परिक्षण किया गया.
आईएएनएस ने रक्षा सूत्रों हवाले से बताया कि फायर की गई मिसाइल ने अपने टारगेट को बिल्कुल सटीक हिट किया. विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षण के दौरान मिसाइल में 'स्वदेशी सीकर और गाइडेंट टेक्नोलॉजी' की जांच की गई जो 100 फीसदी सफल रही है. यह एक लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल है.
शॉर्ट रेंज की मिसाइल की थी टेस्टिंग
बीते वर्ष भारत ने इसी श्रेणी की शॉर्ट रेंज की मिसाइल की टेस्टिंग की थी. शॉर्ट रेंज की मिसाइल 380 किलोग्राम और रेंज 55 किलोमीटर की मारक क्षमता से लैस है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्वदेशी तकनीक से बनाई गई यह भारतीय लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल सी-स्किमिंग ट्रैजेक्ट्री पर चलते हुए सीधे टारगेट से जाकर टकराई.
गौरतलब है कि 'सी-स्किमिंग' उस स्थिति को कहते हैं जब मिसाइल समुद्र की सतह से कुछ मीटर ऊपर तेजी से उड़ते हुए जाती है. अपनी इस तकनीक के कारण मिसाइल राडार में पकड़ में भी नहीं आती. फिलहाल यह तकनीक भारत के पास पहले से उपलब्ध है. भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में यही तकनीक इस्तेमाल की जाती है.
विशेषज्ञों ने क्या कहा?
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि टेस्ट की गई यह आधुनिक मिसाइल नौसैनिक हेलिकॉप्टर्स पर लगाई जाएगी. इस मिसाइल में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट नेविगेशन सिस्टम भी है. गौरतलब है कि इसी महीने सेना ने पहले स्वदेशी हमलावर हेलीकॉप्टर 'रुद्र' से नई पीढ़ी के रॉकेट भी दागे हैं. इसके अलावा सेना के 'रुद्र' स्वदेशी हेलीकॉप्टर से गोला बारूद दागने का भी सफल परीक्षण किया गया.