Indian Navy Operation: भारतीय नौसेना ने अरब सागर में बंधक बनाए गए मछली पकड़ने वाले ईरानी पोत और उसके चालक दल के सदस्य के रूप में कार्यरत 23 पाकिस्तानी नागरिकों को समुद्री लुटेरों से बचाया. 12 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद भारतीय नौसेना ने सोमाली समुद्री डाकुओं से बचाया सभी को छुड़ा लिया.


नौसेना के प्रवक्ता की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार भारतीय नौसेना की विशेषज्ञ टीमें मछली पकड़ने वाले पोत की गहन जांच कर रही हैं, ताकि मछली पकड़ने के काम को फिर से शुरू करने के लिए उसे सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया जा सके.


आईएनएस सुमेधा ने रास्ता रोका


भारतीय नौसेना ने शुक्रवार (29 मार्च) देर शाम कहा था कि वह अगवा किए गए मछली पकड़ने वाले पोत को बचाने के लिए एक अभियान में लगी है जिस पर कथित तौर पर नौ सशस्त्र समुद्री डाकू और उसके चालक दल सवार हो गए हैं.


नौसेना ने कहा कि जहाज को गुरुवार को रोक लिया गया था. इसमें कहा गया, ‘‘आईएनएस सुमेधा ने शुक्रवार तड़के एफवी अल कंबर को रोका और बाद में आईएनएस त्रिशूल भी इसमें शामिल हो गया.’’ घटना के समय मछली पकड़ने वाला पोत सोकोट्रा से लगभग 90 समुद्री मील (एनएम) दक्षिण पश्चिम में था. बताया गया है कि सशस्त्र समुद्री लुटेरे उस पर सवार थे.’’


पाकिस्तानियों ने लगाए हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे


समुद्री लुटेरों के चंगुल से आजाद हुए पाकिस्तानियों ने कहा, "कल दोपहर मुझे सोमालियों ने हाइजैक कर लिया था. रात से इंडियन नेवी मेरे पीछे लगी हुई है. पूरी रात रेस्क्यू चलने के बाद आखिरकार इंडियन नेवी ने हमें आजाद कराया. इंडियन नेवी का शुक्रिया... इंडिया जिंदाबाद."






9 समुद्री लुटेरों ने किया सरेंडर


भारतीय नौसेना इस लंबे ऑपरेशन के बाद एफवी जहाज में सवार 9 समुद्री लुटेरों को सरेंडर करना पड़ा. एंटी पायरेसी एक्ट के तहत  2022 के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए नौ समुद्री लुटेरों को भारत लाया जा रहा है.


यह दूसरा ऑपरेशन है जहां भारतीय नौसेना ने बिना किसी खून-खराबे के समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया. भारतीय नौसेना ने आगे कहा, "भारतीय नौसेना क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और नाविकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे उनकी राष्ट्रीयता कुछ भी हो."


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