प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू से पहले Navy ने दिखाया समुद्री ताकत का ट्रेलर, INS विशाखापत्तनम से BrahMos सुपरसोनिक मिसाइल को किया टेस्ट
INS Visakhapatnam Test BrahMos: अगले हफ्ते विशाखापत्तनम में होने जा रही प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू में शामिल होने से पहले आईएनएस विशाखापत्तनम ने ब्रह्मोस का परीक्षण किया.
Navy Warship INS Visakhapatnam: प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू से पहले ही भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने अपनी समुद्री ताकत का ट्रेलर दिखाना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को भारतीय नौसेना ने स्वदेशी युद्धपोत, आईएनएस विशाखापत्तनम (INS Visakhapatnam) से लॉन्च की गई ब्रह्मोस मिसाइल का एक वीडियो जारी किया. अगले हफ्ते विशाखापत्तनम में होने जा रही प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू में शामिल होने से पहले आईएनएस विशाखापत्तनम ने हिंद महासागर क्षेत्र में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, ब्रह्मोस का परीक्षण किया.
समंदर में अपनी ताकत और तैयारियों को दिखाने के लिए भारतीय नौसेना 21 फरवरी को विशाखापत्तनम में 'प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू' का आयोजन करने जा रही है. देश के राष्ट्रपति और सशस्त्र-सेनाओं के सुप्रीम कमांडर, रामनाथ कोविंद खुद 21 फरवरी को विशाखापत्तनम में नौसेना और कोस्टगार्ड के युद्धपोत और लड़ाकू विमानों की क्षमताओं की समीक्षा करेंगे. इस रिव्यू में आईएनएस विशाखापत्तनम सहित कुल 63 युद्धपोत हिस्सा ले रहे हैं. इसके अलावा नौसेना और कोस्टगार्ड के 50 लड़ाकू विमान, टोही विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा ले रहे हैं.
#FiringFriday
— SpokespersonNavy (@indiannavy) February 18, 2022
Indian Navy - 75 Years in Service of the Nation
President's Fleet Review
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इसलिए बेहद अहम है ये टेस्ट
आईएनएस विशाखापत्तनम भारतीय नौसेना के नए युद्धपोतों में से एक है, जो पिछले तीन महीने पहले यानी नवम्बर 2021 में भारत के जंगी बेड़े का हिस्सा बना था. ऐसे में विशाखापत्तनम जहाज से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण बेहद अहम माना जा रहा है. पिछले महीने ही भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल के तटीय-वर्जन को फिलीपींस को निर्यात करने का सौदा किया है. भारतीय नौसेना के मुताबिक लंबे समय से नेवल फ्लीट रिव्यू दुनियाभर की नौसेनाओं की परंपरा का हिस्सा रही है. ये समीक्षा नौसेना की ताकत और युद्ध की तैयारियों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन मौजूदा समय में ये बिना किसी उकसावे या फिर युद्धक मानसिकता के बगैर अपने जंगी बेड़े को एक जगह इकठ्ठा करना है.
ये होता है फ्लीट रिव्यू का मकसद
नौसेना के मुताबिक, प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू का मकसद भारतीय नौसेना की तैयारियों, उच्च अनुशासन और मनोबल को दर्शाना है. आजादी के बाद से अबतक भारतीय नौसेना 11 फ्लीट रिव्यू आयोजित कर चुकी है. पहला रिव्यू 1953 में हुआ था और आखिरी 2016 में. 2016 में विशाखापत्तनम में ही भारतीय नौसेना ने इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू (आईएफआर) का आयोजन किया था, जिसमें करीब 50 देशों के 100 युद्धपोतों ने हिस्सा लिया था. आईएफआर के बाद एक बार फिर विशाखापत्तनम में प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू का आयोजन होने जा रहा है.
पहला फ्लीट रिव्यू 18वीं शताब्दी में हुआ
प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू के दौरान नौसेना और कोस्टगार्ड के साथ-साथ भारतीय मालवाहक जहाज भी हिस्सा लेंगे. फ्लीट रिव्यू के तुरंत बाद ही नौसेना और तटरक्षक बल के 50 हेलीकॉप्टर, फाइटर जेट और टोही विमान विशाखापट्टनम से सटी बंगाल की खाड़ी में फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेंगे. भारत में पहला फ्लीट रिव्यू 18वीं शताब्दी में दर्ज है, जब मराठा साम्राज्य के सरखेल (यानि एडमिरल), कान्होजी आंग्रे (1669-1729) ने भारत के पश्चिमी तट पर स्थित रतनागिरी किले पर मराठा नौसेना के जंगी बेड़े को एकत्रित किया था.
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