Indian Navy Chief Sri Lanka Visit: नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari Kumar) मंगलवार (13 दिसंबर) को अपनी चार दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका (Sri Lanka) पहुंच गए. वह 16 दिसंबर तक श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे. श्रीलंका के त्रिंकोमाली में 15 दिसंबर को नौसेना (Navy) और समुद्री अकादमी की कमीशनिंग परेड होनी है. भारतीय नौसेना प्रमुख को इस अवसर के लिए बतौर मुख्य अतिथि और समीक्षा अधिकारी आमंत्रित किया गया है.
भारतीय दूतावास ने एडमिरल आर हरि कुमार के श्रीलंका आगमन की तस्वीरें साझा की हैं. भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ''एडमिरल आर हरि कुमार आधिकारिक दौरे पर श्रीलंका पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. एडमिरल आर हरि कुमार इस दौरान श्रीलंका के सीनियर राजनीतिक और रक्षा नेतृत्व के साथ बैठकें करेंगे. इसके अलावा, वह श्रीलंकाई सशस्त्र बलों के अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों का भी दौरा करेंगे और विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग से संबंधित गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा करेंगे.''
क्यों अहम है नौसेना प्रमुख का श्रीलंका दौरा?
रक्षा मंत्रालय ने प्रेस रिलीज के जरिये बताया कि भारतीय नौसेना वार्षिक स्टाफ वार्ता के जरिये श्रीलंका नौसेना के साथ नियमित रूप से बातचीत करती है. एडमिरल आर हरि कुमार की यात्रा श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को, खासकर समुद्री क्षेत्र में और ज्यादा मजबूत करेगी. रक्षा मंत्रालय ने आगे बताया कि भारतीय नौसेना श्रीलंकाई नौसेना के कई क्षमता-निर्माण उपायों का समर्थन करती है, जैसे कि नौसेना प्लेटफार्मों का प्रावधान, जिसमें स्वदेशी रूप से निर्मित अपतटीय गश्ती पोत (OPV) और अगस्त 2022 से श्रीलंका में तैनात भारतीय नौसेना के डोर्नियर विमान शामिल हैं.
इसके अलावा, भारतीय नौसेना भारत में श्रीलंकाई नौसेना के जवानों को ट्रेनिंग देने समेत कई परियोजनाओं पर काम कर रही है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, श्रीलंकाई नौसेना, भारतीय नौसेना की ओर से आयोजित विभिन्न बहुपक्षीय कार्यक्रमों की एक नियमित भागीदार है, जिसमें वार्ता, गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव और एडमिरल कप सेलिंग रोगाटा शामिल है.
चीन के स्पाई शिप को लेकर विवाद
सूत्रों के मुताबिक, नौसेना प्रमुख के इस दौरे के दौरान श्रीलंका के हंबनटोटा डॉक में खड़े चीन के जासूसी जहाज यूआन वांग 5 को लेकर भी बातचीत हो सकती है. गौरतलब है कि भारत ने अपनी सुरक्षा और आर्थिक हितों को प्रभावित करने वाले किसी भी खतरे से निपटने के खिलाफ अपनी नाराजगी दर्ज कराई थी. भारत का मानना है कि चीनी जासूसी जहाज के ट्रैकिंग सिस्टम श्रीलंकाई बंदरगाह के रास्ते में भारतीय प्रतिष्ठानों पर जासूसी करने की कोशिश कर रहे हैं.
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