Indian Navy: भारतीय नौसेना ने तत्काल प्रभाव से खत्म की अंग्रेजों के जमाने की 'बैटन' परंपरा, जानें अब कैसे होगा इसका इस्तेमाल
Indian Navy Baton Practice: भारतीय रक्षा बलों ने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही परंपराओं को खत्म करने के लिए कई कदम उठाए हैं. अब नौसेना ने औपनिवेशिक काल की बैटन प्रेक्टिस को खत्म कर दिया है.
Indian Navy Ends Baton Practice: अंग्रेजों की जमाने (औपनिवेशिक काल) की परंपराओं को खत्म करने के सरकार के निर्देश के अनुरूप भारतीय नौसेना ने 'बैटन' प्रेक्टिस को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है. नौसेना के सभी कर्मियों को बैटन ले जानी पड़ती थी.
अमृतकाल में इसकी जगह नहीं- नौसेना
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक नौसेना ने पत्र में कहा, ''समय गुजरने से साथ बैटन को ले जाना नौसेना कर्मियों के लिए एक नॉर्म (आदर्श) बन गया था. बैटन थामने के माध्यम से अधिकार का प्रतीकवाद एक औपनिवेशिक विरासत है जो अमृतकाल की परिवर्तित नौसेना में जगह से बाहर है.''
अब ऐसे होगा बैटन का इस्तेमाल
पत्र में कहा गया, ''इसके आलोक में प्रोवोस्ट (अधीक्षक) समेत सभी कर्मियों की ओर से बैटन ले जाना तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए.'' वहीं, नौसेना के निर्देशानुसार अब प्रत्येक इकाई के संगठन प्रमुख के दफ्तर में एक औपचारिक बैटन उचित तरीके से रखी जाएगी. इसी के साथ नौसेना ने कहा है कि बैटन को औपचारिक रूप से सौंपने का कार्य कार्यालय के भीतर केवल कमांड में बदलाव के एक हिस्से के रूप में किया जा सकता है.
पिछले साल पताका में किया गया था परिवर्तन
बता दें कि भारतीय रक्षा बलों ने अंग्रेजों के जमाने की परंपराओं को खत्म करने के लिए कई कदम उठाए हैं और भारतीय नौसेना ने अपना ध्वज बदल दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल भारतीय नौसेना के नए ध्वज या अनावरण किया था, जिसमें औपनिवेशिक अतीत के अवशेषों को हटा दिया गया है और देश की समृद्ध समुद्री विरासत को दर्शाया गया है. नौसेना का नया ध्वज छत्रपति शिवाजी की मुहर से प्रेरित है.