एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के दौरान भारतीय नौसेना ने भी पूरी तरह से कमर कस रखी है. शुक्रवार को भारतीय नौसेना ने एक वीडियो जारी किया जिसमें अरब सागर में एंटी-शिप मिसाइल को लॉन्च कर दुश्मन के एक जहाज को मार गिराने का अभ्यास किया गया था. नौसेना के मुताबिक, ये मिसाइल परीक्षण भारतीय नौसेना की ऑपरेशन्ल तैयारियां का हिस्सा है. आपको बता दें कि गुरुवार को ही नौसेना प्रमुख ने अरब सागर में कैरियर बैटल ग्रुप की युद्धक तैयारियों का जायज़ा लिया था जिस दौरान मिसाइल फायरिंग का प्रदर्शन हुआ था.
नौसेना के मुताबिक, इसी हफ्ते आईएनएस प्रबल युद्धपोत (कोर्विट) ने एंटी-शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया. मिसाइल को सबसे ज्यादा दूरी पर लॉन्च किया गया था और निशाना एकदम सटीक था, जिसके चलते टारगेट-शिप समंदर में डूब गया. डूबते हुए जहाज की एरियल-वीडियो फुटेज भी नौसेना ने साझा की.
हिंद महासागर में नौसेना तैयार
पिछले छह महीने से यानि जब से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत का चीन से तनाव शुरू हुआ है तभी से भारतीय नौसेना भी पूरे हिंद महासागर में ऑपरेशन्ली तैयार है. कोरोना महामारी, खराब मौसम और समंदर में आंधी-तूफान के बावजूद नौसेना के सभी युद्धपोत पूरे हिंद महासागर की निगहबानी के साथ साथ युद्ध जैसे हालात के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
नौसेना की युद्धक-तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए ही चीफ ऑफ नेवल स्टाफ, एडमिरल करमबीर सिंह ने गुरुवार को अरब सागर में कैरियर-बैटल-ग्रुप की कॉम्बेट-रेडीनेस का प्रदर्शन देखा. नौसेना की पश्चिमी कमान (वेस्टर्न नेवल कमांड) के इस कैरियर बैटल ग्रुप में एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रमादित्य सहित फ्रीगेट्स, मिसाइल-डेस्ट्रोयर्स, कोर्विट्स और फ्लीट-सपोर्ट शिप्स शामिल थे. इसके अलावा नौसेना के मिग-29 फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर्स ने भी अपनी तैयारियों का प्रदर्शन इस दौरान किया. नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, नौसेना प्रमुख के समक्ष मिसाइल फायरिंग से लेकर एयर टू एयर कॉम्बेट ऑपरेशन्स, एंटी-सबमरीन ड्रिल और फ्लीट-मैन्युवरिंग का प्रदर्शन हुआ.
आपको बता दें कि अरब सागर में ही पाकिस्तान के समंदर से सटी आईएमबीएल यानि इंटरनेशनल मेरीटाइम ब्राउंड्री लाइन है (जैसाकि जमीन पर अंतर्राष्ट्रीय सीमा होती है).
आईएनएस चेन्नई पर पहुंचे नौसेना प्रमुख
नौसेना के प्रवक्ता के मुताबिक, इस दौरान नौसेना प्रमुख खुद हेलीकॉप्टर के जरिए पहले मिसाइल-डेस्ट्रोयर, आईएनएस चेन्नई और फिर आईएनएस दीपक पहुंचे. यहां पर फ्लीट कमांडर ने एडमिरल करमबीर सिंह को ऑपरेशन्ल तैयारियों का पूरा ब्यौरा पेश किया और फिर नौसेना प्रमुख ने क्रू से बातचीत की. इसके बाद नौसेना प्रमुख आईएनएस विक्रमादित्य के डेक पर पहुंचे और वहां से एयर-डिफेंस और एयर-स्ट्राइक की तैयारियों का जायजा लिया.
इसके बाद एडमिरल ने आईएनएस विक्रमादित्य से नौसैनिकों को संबंधोति किया. ये संबोधन कैरियर बैटल ग्रुप में शामिल सभी युद्धपोत पर तैनात नौसैनिकों के लिए ब्रॉडकास्ट किया गया. उन्होनें सभी नौसैनिकों और युद्धपोतों को पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में मिशन-डेप्लोय रहने के लिए बधाई की. उन्होनें अपने संबोधन में साफ कहा कि आने वाले महीनों में भी नौसेना की ऑपरेशन्ल तैयारियों का ‘टेंपो’ ऐसे ही बना रहेगा.
भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की नौसेनाएं करेंगी संयुक्त युद्धाभास
अपने एक दिवसीय दौर के दौरान नौसेना प्रमुख ने गोवा के करीब सामिरक महत्व के नेवल बेस, कारवार का भी दौरा किया और ऑप्स-लॉजिस्टिक का भी जायज़ा लिया. इस दौरान उन्होनें नौसैनिकों को साइबर-अटैक, आतंकी हमले और ए-सिमेट्रिक वॉरफेयर से भी सजग रहने की हिदायत दी.
आपको यहां पर ये भी बता दें कि अगले महीने यानि नवम्बर के महीने में भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की नौसेनाएं हिंद महासागर में मालाबार युद्धभ्यास करने जा रही हैं. ये युद्धभ्यास दो चरणों में होगा—एक चरण अरब सागर में होगा और दूसरा बंगाल की खाड़ी में. पहली बार आस्ट्रेलियाई नौसेना भी इस युद्धभ्यास में हिस्सा लेने जा रही है. माना जा रहा है कि भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के इस ‘मिलिट्री-क्वॉड’ से चीन का खिन्न होना तय है.
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