INS Vikrant Features: भारत रक्षा क्षेत्र में खुद को मजबूत बनाने के साथ-साथ आत्म निर्भर बनाने पर भी लगातार काम कर रहा है. इसी कड़ी में भारतीय नौसेना ने अपनी नई ताकत का आगाज शुक्रवार को किया. भारतीय नौसेना ने आईएनएस विक्रांत का रूप मुंबई हार्बर पर पहली बार दुनिया के सामने उजागर किया. इसी के साथ भारत दुनिया का छठा ऐसा देश बन गया, जिसने एयरक्राफ्ट कैरियर बनाया है.
भारतीय समुद्री सीमा में सुरक्षा के लिए भारत के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. चीन के पास भी दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, जबकि पाकिस्तान के पास एक भी नहीं है. स्वदेशी एयर क्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत नौसेना में शामिल होने के बाद पहली बार शुक्रवार को मुंबई के तट किनारे आया.
45 हजार टन है इसका वजन
आईएनएस विक्रांत भारत का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिसने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. 1997 में आईएनएस विक्रांत सेवानिवृत्त हो गया था. अब विक्रांत का नया वर्जन सामने आया है. यह अब पहले से ज्यादा ताक़तवर और आधुनिक हो गया है. यह आत्मनिर्भर भारत का सबसे बड़ा उदाहरण है. आईएनएस विक्रांत का कुल वजन करीब 45 हज़ार टन है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका हेंगर एरिया जो कि 22 मीटर चौड़ा और 182 मीटर लंबा है. 14 डेक वाले इस एयरक्राफ्ट कैरियर का सबसे बड़ा हिस्सा इसका हेंगर है जहां करीब 22 एयरक्राफ्ट और नौसेना के हेलीकॉप्टर को पार्क करने की छमता है. इतना ही नहीं इस हेंगर में फायर बैरियर जैसी आधुनिक तकनीक भी है जो आग लगने की परिस्थितियों में हेंगर को दो हिस्सों में बांट देगी ताकि आग पूरे हेंगर में न फैले
ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने लिया जायजा
भारत दौरे पर आए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी गुरुवार को आईएनएस विक्रांत का जायजा लिया जिन्हें आईएनएस विक्रांत पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने विक्रांत की खासियत को जाना और इसकी खूब तारीफ की. ये पहला मौका था जब कोई फॉरेन डेलिगेट भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर पर पहुंचा था.
रफाल को भी तैनात करने की योजना
इस एयरक्राफ्ट करियर पर मिग-29K और तेजस जैसे लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट को कठिन से कठिन परिस्थितियों में उतारने का और टेकऑफ करने का ट्रायल किया जा चुका है. एयरक्राफ्ट कैरियर पर 36 एयरक्राफ्ट या हेलीकॉप्टर को तैनात किया जा सकता है. एयरक्राफ्ट कैरियर पर कोमोंव हेलीकॉप्टर, चेतक हेलीकॉप्टर तैनात है. भविष्य में रफ़ाल लड़ाकू विमान भी तैनात करने की योजना है.
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