नई दिल्ली: मिडिल ईस्ट के तनाव को लेकर भारतीय नौसेना ने भी कमर कस ली है. अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध जैसी परिस्थिति बनी तो फारस की खाड़ी में तैनात भारतीय नौसेना के युद्धपोत वहां से भारत के कॉमर्शियल जहाजों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम करेंगे. भारतीय नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि आईएनएस त्रिखंड युद्धपोत इनदिनों फारस की खाड़ी में तैनात है. साथ ही आईएनएस सुमेधा भी करीब ही अदन की खाड़ी में एंटी-पायरेसी पैट्रोलिंग के लिए तैनात है. ऐसे में अगर फारस की खाड़ी से भारतीय तेलवाहक या दूसरे मालवाहक जहाजों को निकालने की जरूरत पड़ी तो भारतीय युद्धपोत उन्हें सुरक्षित एस्कॉर्ट कर वहां से निकालने का काम करेंगे.
आपको बता दें कि इनदिनों भारत के 8-10 मर्चेंट वैसेल यानि जहाज मौजूद हैं. अगर अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध हुआ तो इन सभी जहाजों को सुरक्षित वहां से निकालने की जिम्मेदारी भारतीय नौसेना की ही होगी. जैसाकि पिछले साल जून के महीने में भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन संकल्प के दौरान किया था.
नौसेना ने अपने युद्धपोतों को फारस की खाड़ी में तैनात किया था
ऑपरेशन संकल्प को इस साल भारतीय नौसेना ने गणतंत्र दिवस की परेड की झांकी का हिस्सा भी बनाया है. नौसेना के मुताबिक, इस साल गणतंत्र दिवस की झांकी में मुख्य आर्कषण का केंद्र रहेगा खाड़ी के देशों से 'एस्कॉर्ट-ऑपरेशन्स.' इसमें दिखाया जायेगा कि कैसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत अपने तेल और दूसरे मालवाहक जहाजों को फारस की खाड़ी से सुरक्षित निकालकर लाते हैं. जून 2019 में जब ओमान की खाड़ी में दो ऑयल-टैंकर्स पर हमला हुआ था और स्थिति बिगड़ने की आशंका थी, तब भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन संकल्प के जरिए भारत के कॉमर्शियल-जहाजों को सुरक्षित वहां से बाहर निकाला था. इसके लिए भारतीय नौसेना ने अपने युद्धपोतों को फारस की खाड़ी में तैनात किया था ताकि किसी भी तरह से समुद्री-रास्ते पर कोई रूकावट ना आए.
आपको बता दें कि इस महीने की तीन तारीख (शुक्रवार) को अमेरिका के हवाई हमले में ईरान के बड़े सैन्य कमांडर, कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी. इसके बाद ईरान ने बदले की कारवाई करते हुए ईराक में अमेरिका के तीन सैन्य-अड्डों पर बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया. माना जा रहा है कि अमेरिका भी अब कोई जवाबी कारवाई कर सकता है. साल 2015 में भी भारतीय नौसेना ने यमन में हुए गृहयुद्ध के दौरान वहां फंसे भारतीय मूल के नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन राहत लॉन्च किया था जिसके लिए भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में प्रंशसा की गई थी. इसके अलावा भारतीय नौसेना के युद्धपोत इस समुद्री-क्षेत्र में अपने युद्धपोतों से पैट्रोलिंग भी करती है ताकि सोमालियाई या दूसरे समुद्री-डकैत किसी जहाज या क्रू को बंधक या अगवा ना कर लें.
नौसेना की झांकी में भारत की समुद्री ताकत का नमूना देखने को मिलेगा
इस बीच कमांडर मधवाल ने ये भी बताया कि मंगलवार को आईएनएस सुमेधा ने अदन की खाड़ी में श्रीलंका की एक बोट (डाऊ) को मदद भी पहुंचाई जो खराब होने की वजह से सोमिलाई तट की तरफ खिसक रही थी. कमांडर मधवाल ने ये भी बताया कि इस साल नौसेना की झांकी में भारत की समुद्री ताकत का नमूना देखने को मिलेगा. इसमें जल, थल और आकाश में नौसेना की ताकत दिखाई पड़ेगी. नौसेना का थीम है- साइलेंट, स्ट्रांग और स्विफ्ट यानि मौन, ताकतवर और तीव्र. 26 जनवरी को राजपथ पर नौसेना की राष्ट्र-निर्माण में प्रतिबद्धता, समंदर में तेल के कुएं इत्यादि जैसी राष्ट्र-संपत्ति की सुरक्षा और प्राकृतिक आपदा में नौसैनिकों की अहम भूमिका को दर्शाया जायेगा. इसके लिए बुधवार को नौसेना ने अपनी झांकी का मीडिया प्रीव्यू भी कराया.
झांकी में कोच्चि में बन रहा स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, विक्रांत को दिखाया गया है जिसपर लड़ाकू विमान तैनात किए जा सकते हैं. इसके अलावा एक कोलकता क्लास डेस्ट्रॉयर युद्धपोत दिखाई पड़ेगा जिससे सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, ब्रह्मोस लॉन्च की जा रही है. साथ ही फ्रांस की मदद से बनाई कलवरी सबमरीन भी गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई पड़ेगी जिससे एक्सोट एंटी-शिप मिसाइल दागी जा रही है. टोही विमान, पी8आई और उससे लॉन्च की जा रही एंटी-सबमरीन मिसाइल हारपोन भी झांकी का हिस्सा होगी.