ऐतिहासिक कदम! नौसेना ने महिलाओं को 'Special Forces' चुनने की दी अनुमति, मार्कोस कमांडो बन आतंकियों का करेंगी खात्मा
Indian Navy: मार्कोस को कई मिशन के लिए ट्रेनिंग दी जाती है और वे समुद्र, हवा और जमीन में काम कर सकते हैं. ये कमांडो दुश्मन के खिलाफ गुप्त हमले कर सकते हैं.
Indian Navy Women Special Forces: भारतीय नौसेना ने अब महिलाओं को भी अपनी स्पेशल फोर्स (Special Forces) में शामिल करने का फैसला किया है. अंग्रेजी अखबार 'हिंदुस्तान टाइम्स' की खबर के मुताबिक, इस मामले में परिचित एक सीनियर अधिकारी ने रविवार (11 नवंबर) को कहा कि नौसेना (Indian Navy) के इस कदम के बाद महिलाओं को तीनों डिफेंस सर्विसेज में पहली बार कमांडो (Commando) के रूप में सेवा करने की अनुमति मिलेगी. सेना, नौसेना और वायु सेना की स्पेशल फोर्स के जवान कठोर ट्रेनिंग से गुजरते हैं, जो किसी भी तरह की आतंकी घटना पर तुरंत कार्रवाई करने में सक्षम होते हैं. अभी तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्स में केवल पुरुषों की शामिल किया जाता रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, नौसेना के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि नौसेना में महिलाएं अब समुद्री कमांडो (मार्कोस) बन सकती हैं, अगर वो मानदंडों को चुनती और उन्हें पूरा करती हैं. यह वास्तव में सैन्य इतिहास में एक मील का पत्थर है लेकिन किसी को भी सीधे स्पेशल यूनिट को नहीं सौंपा गया है. इसके लिए लोगों को वॉलिंटियर करना होगा. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि स्वेच्छा से मार्कोस (Marcos) बनने का विकल्प महिला अधिकारियों और नाविकों दोनों के लिए खुला होगा, जो अगले साल अग्निवीर के रूप में फोर्स में शामिल होंगी.
कितने खतरनाक हैं मार्कोस?
मार्कोस को कई मिशन के लिए ट्रेनिंग दी जाती है और वे समुद्र, हवा और जमीन में काम कर सकते हैं. ये कमांडो दुश्मन के युद्धपोतों, ऑफशोर इंस्टॉलेशन और अन्य महत्वपूर्ण संपत्तियों, विशेष डाइविंग ऑपरेशन और नौसेना के संचालन का समर्थन करने के लिए निगरानी और टोही मिशन के खिलाफ गुप्त हमले कर सकते हैं. वे समुद्री वातावरण में भी आतंकवादियों से लड़ सकते हैं और उन्हें कश्मीर के वुलर झील क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी भूमिका में तैनात किया गया है.
एक तीसरे अधिकारी ने कहा, “विशेष अभियानों से लेकर उड़ान भरने और युद्धपोत ड्यूटी तक नौसेना के सभी विंग में अब महिलाओं की तैनाती की जाती है. नौसेना ने खुद को पूरी तरह से जेंडर-न्यूट्रल फोर्स में बदल लिया है. अगर आपके पास आवश्यक क्षमता है तो अवसरों की कोई कमी नहीं है.”
अग्रिवीरों की ट्रेनिंग पर बारीक नजर
महिलाओं के लिए नौसेना के स्पेशल फोर्स विंग की शुरुआत ऐसे समय में हुई है, जब सेना में उन्हें पहली बार ऑफिसर रैंक (PBOR) कैडर से नीचे के पर्सनल यानी जवानों में शामिल किया जा रहा है. नौसेना ओडिशा में आईएनएस चिल्का प्रशिक्षण प्रतिष्ठान में महिलाओं सहित अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग की बारीकी से निगरानी कर रही है. नौसेना के अग्निवीरों के पहले बैच में 341 महिलाओं सहित 3,000 ट्रेनी शामिल हैं.
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