Navy Chief On Navy Day: हिंद महासागर में चीन के हर जहाज और गतिविधि पर भारतीय नौसेना पैनी नजर रखती है और अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है. ये भरोसा दिलाया है नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने. नौसेना दिवस से ठीक एक दिन पहले एडमिरल हरि कुमार राजधानी दिल्ली में सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.


इस दौरान चीन के जासूसी जहाज के श्रीलंका और हिंद महासागर में तैनात रहने के सवाल पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि एक समय में आईओआर (IOR) क्षेत्र में चीन के 4-6 जहाज ऑपरेट करते हैं. इसके अलावा चीन के फिशिंग-वेसल भी हिंद महासागर में रहते हैं. लेकिन भारतीय नौसेना की कोशिश रहती हैं कि चीन के जहाज देश के ईईजेड (EEZ) यानि एक्सक्लुजिव इकोनोमिक जोन में दाखिल ना हों. उन्होंने कहा कि चीन के अलावा भी अन्य देशों की नौसेनाओं के 60 के करीब जहाज एक समय में हिंद महासागर में ऑपरेट करते हैं.


एबीपी न्यूज के इस सवाल पर कि हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव और जिबूती जैसे देशों में चीन के सैन्य-बेस पर नौसेना की बढ़ती गतिविधियों को भारत कैसे काउंटर करेगा, एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सागर यानि सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन (SAGAR- Security And Growth for All in the Region) नीति इसी को देखकर बनाई गई है. इसके तहत मित्र-देशों को जहाज और हेलीकॉप्टर तक मुहैया कराए गए हैं. इसके अलावा हिंद महासागर के देशों में (Military) इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जा रहा है.


भारत ने फ्रेंडली-फॉरेन कंट्रीज के नेवल ऑफिसर्स को ट्रेनिंग दी 


नौसेना प्रमुख हरि कुमार ने कहा कि पिछले 15 सालों में भारत ने फ्रेंडली-फॉरेन कंट्रीज के 15 हजार नेवल ऑफिसर्स (Naval officer) को ट्रेनिंग दी है. इससे हिंद महासागर में भारत का प्रभाव बढ़ रहा है. इस सवाल पर कि क्या भारत भी विदेशों में अपने नए बेस बनाने पर विचार कर रहा है. उस पर उन्होंने जवाब दिया कि इसको लेकर विदेश मंत्रालय और दूसरे विभागों से चर्चा चल रही है. हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) ने इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंता जताई थी.


नौसेना दिवस


हर साल 4 दिसम्बर को भारतीय नौसेना अपना स्थापना दिवस मनाती है. ये स्थापना दिवस 1971 के युद्ध में नौसेना द्वारा पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर हमले की याद में मनाया जाता है. इस साल पहली बार 4 दिसम्बर (रविवार) को नेवी डे राजधानी दिल्ली से बाहर विशाखापट्टनम में मनाया जा रहा है. लेकिन सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस राजधानी दिल्ली में ही आयोजित की गई.


ऑपरेशन्ल तैयारी


नौसेना की ऑपरेशनल तैयारियों की जानकारी देते हुए एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि पिछले एक साल में 8000 दिन नौसेना के युद्धपोत समंदर में रहे, इसके अलावा 650 दिनों के लिए नौसेना की पनडुब्बियां समंदर के नीचे ऑपरेट कर रही थीं. उन्होंने बताया कि नौसेना के एयरक्राफ्ट (हेलीकॉप्टर, फाइटर जेट और टोही विमान) ने पिछले एक साल में 10 हजार घंटे की उड़ान भरी.


भारत के पड़ोस में 100 कॉन्फ्लिक्ट


नौसेना की मेरीटाइम डोमेन में तैयारियों को लेकर एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि भारत के पड़ोसी-क्षेत्र में अलग-अलग देशों के करीब 100 विवाद चल रहे हैं या फिर टकराव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में नौसेना को हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना होगा. हाल ही में नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल हुए स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए चीफ ऑफ नेवल स्टाफ ने कहा कि आने वाले समय में विक्रांत पूरे इंडो-पैसेफिक रीजन में तिंरगा लहराएगा.


आत्मनिर्भरता


रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि अपनी सुरक्षा के लिए हम किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रह सकते हैं. यही वजह है कि 2047 तक नौसेना पूरी तरह आत्म-निर्भर बन जाएगी.


विक्रांत पर तैनात करने के लिए नए लड़ाकू विमान


नेवी चीफ ने बताया कि एचएएल द्वारा तैयार किए जा रहे स्वदेशी फाइटर जेट, टीईडीबीएफ यानि ट्विन-इंजन डेक बेस्ट फाइटर वर्ष 2032 तक ही बन पाएगा. साथ ही मौजूदा मिग-29 के भी विक्रमादित्य पर तैनात रहते हैं. ऐसे में तब तक नौसेना किसी विदेशी फाइटर जेट को विक्रांत पर तैनात करने के लिए सौदा कर सकती है. इसके लिए फ्रांस के रफाल (एम) और अमेरिका के सुपर-होरनेट एफ-18ए के हाल ही में ट्रायल कराए गए हैं. ट्रायल रिपोर्ट की समीक्षा पूरा होने के बाद इन दोनों में से किसी एक लड़ाकू विमान को चुना जाएगा. 


महिला-अग्निवीर


नौसेना प्रमुख ने बताया कि अग्निपथ स्कीम के तहत 3000 अग्निवीरों के पहले बैच को नौसेना में शामिल कर लिया गया है और 21 नवम्बर से उन सभी की ट्रेनिंग ओडिशा स्थित आईएनएस (INS) चिल्का नेवल बेस पर शुरू हो गई है. इनमें से 341 महिला-अग्निवीर (नौसैनिक) हैं.


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