INS Vikrant: भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है. नौसेना के पायलटों ने भारत में निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर हल्के लड़ाकू विमान (LCA नौसेना) की लैंडिंग की है. दरअसल, आईएनएस विक्रांत और एलसीए का डिजाइन भारत में ही किया गया है. 


यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि युद्ध के समय विमान और पोत फ्रंट पर रहते हैं. आईएनएस विक्रांत और एलसीए के डिजाइन से लेकर इसको विकसित, निर्माण और संचालित करने तक भारत में ही किया गया है. ऐसे में यह की भारत की टेक्नोलॉजी और युद्ध क्षमता को प्रदर्शित करता है.








आईएनएस विक्रांत को केरल में भारतीय नौसेना के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में बनाया गया है. वहीं, हल्के लड़ाकू विमान एलसीए को 'हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड' (HAL) ने बनाया है.


अपना युद्धपोत बनाने वाला भारत 5वां देश


एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत का निर्माण भारत के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व करने वाला पल है क्योंकि भारत उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जिनके पास ऐसी बेहतरीन तकनीक है जो स्टेट ऑफ द आर्ट विमान-वाहक युद्धपोत के डिजाइन से लेकर निर्माण करने और उसे हथियारों तक से लैस कर सकता है. अभी तक अमेरिका, रूस, चीन और ब्रिटेन जैसे देश ही विमान वाहक युद्धपोत बना सकते हैं.


20,000 करोड़ रुपये की लागत से बने 45,000 टन के आईएनएस विक्रांत को पिछले साल सितंबर में नेवी को कमीशन किया गया था. बता दें कि 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा आईएनएस विक्रांत भारत में बनने वाला सबसे बड़ा युद्धपोत है.


आईएनएस विक्रांत एक साथ मिग-29K लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टर सहित 30 विमान ले जा सकता है. युद्धपोत में लगभग 1,600 चालक दल बैठ सकते हैं. वहीं, आईएनएस विक्रांत को बनने में एक दशक से भी ज्यादा समय लगा है. 


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