खास बात यह है कि 'करंज' एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जो 'मेक इन इंडिया' के तहत तैयार की गई है. कलवरी और खांदेरी के बाद 'करंज' तीसरी पनडुब्बी है. कंरज पनडुबी 67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची, 1565 टन वजनी है.
नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की पत्नी रीना लांबा ने पनडुब्बी का जलावतरण किया. पनडुब्बी 'करंज' का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने किया है.
इस मौके पर एडमिरल लांबा ने कहा, ‘‘बेड़े में शामिल किये जाने से पहले एक वर्ष तक यह (पनडुब्बी) कड़े परीक्षणों से गुजरेगी.’’ एमडीएल कुल छह पनडुब्बियों का निर्माण करेगा.
इन पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस की बड़ी जहाज निर्माता कंपनी नेवल ग्रुप के साथ मिलकर किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले ही महीने स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी कलवारी को नौसैनिक बेड़े में शामिल किया था.
स्कॉर्पियन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी करंज की खासियतें
1. 'करंज' एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जो 'मेक इन इंडिया' के तहत तैयार की गई है. अपने आधुनिक फीचर्स की वजह से यह दुश्मन को ढूंढकर उस पर सटीक निशाना लगा सकती है. कंरज पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची, 1565 टन वजनी है.
2. 'करंज' टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती है. युद्ध की स्थिति में करंज पनडुब्बी हर तरह की अड़चनों से सुरक्षित और बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देकर बाहर निकल सकती है.
3. इस पनडुब्बी का इस्तेमाल हर तरह के वॉरफेयर, ऐंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस के काम में भी किया जा सकता है.
4. करंज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी रेडार की पकड़ में नहीं आएगी. इसके अलावा इससे जमीन पर भी आसानी से हमला किया जा सकता है.
5. पनडुब्बी में ऑक्सीजन खत्म होने की स्थिति में इसमें ऑक्सीजन बनाने की भी क्षमता है. इस वजह से इसमें लंबे समय तक पानी में रहा जा सकता है.
6. इसे फ्रांस की तकनीक पर तैयार किया गया है. फ्रांस की डीसीएनएस में इसे बनाने में सहयोग दिया है.
7. इस पनडुब्बी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी तरह की जंग में सेना के लिए उपयोगी साबित हो सकती है.
8. पनडुब्बी में सटीक हथियारों का इस्तेमाल करते हुए दुश्मन पर बड़ा हमला करने की क्षमता है.