Indian Navy: नेवी चीफ ने भविष्य में होने वाले युद्ध की चुनौतियों का किया जिक्र, वर्चुअल अटैक को लेकर दी चेतावनी
Indian Navy: नौसेना प्रमुख आर हरि कुमार ने इंडियन नेवल एकेडमी की पासिंग आउट परेड में नौसेना में शामिल होने वाले नए अधिकारियों को संबोधित किया.
Indian Navy: नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (R. Hari Kumar) ने शनिवार को केरल के एझीमाला में इंडियन नेवल एकेडमी (आईएनए) की पासिंग आउट परेड (पीओपी) में नौसेना में शामिल होने वाले नए अधिकारियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, आज के समय में युद्ध और शांति काल के अलावा भी ऐसे लड़ाई होती है जो अदृश्य होती है रियल वर्ल्ड के साथ-साथ वर्चुयल वर्ल्ड (Virutal World) में भी लड़ी जाती है. पारंपरिक युद्ध के साथ-साथ हाईब्रीड वॉरफेयर भी होता है. ऐसे में आज के यौद्धाओं के सामने कड़ी चुनौतियां हैं.
उन्होनें सैन्य अधिकारियों के सामने आने वाली नई चुनौतियों और उनसे निपटने की सलाह दी साथ ही उन्होंने कहा कि, आने वाले दशकों में ये चुनौतियां और अधिक बढ़ जाएंगी. ऐसे में बेहद जरुरी है कि सैन्य अधिकारी दुनियाभर में हो रहे घटनाक्रमों से पूरी तरह वाकिफ रहें. उन्हें लगातार लिखने-पढ़ने के अलावा इन चुनौतियों पर गहन-चिंतन करना करना चाहिए क्योंकि ज्ञान प्राप्ति से आज के सैन्य अधिकारी अगले युद्ध से लड़ने की तैयारी कर सकते हैं. एडमिरल आर हरि कुमार ने नौसेना के नए अधिकारियों को लीडरशिप गुण भी सिखाएं कि किस तरह युद्ध के दौरान उन्हें नौसैनिकों का नेतृत्व करना होगा.
पीओपी में 30 महिला-कैडेट्स ने भी लिया हिस्सा
एझिमाला में हुई पीओपी में कुल 250 कैडेट्स ने हिस्सा लिया. इनमें सात विदेशी कैडेट्स और 30 महिला-कैडेट्स भी शामिल थीं. पासिंग आउट परेड की सलामी खुद नौसेना प्रमुख ने ली. पासिंग ऑउट परेड में आईएनए के 102 मिडशिपमैन शामिल थे और 102 एनडीए के कैडेट्स शामिल थे. राष्ट्रपति का गोल्ड मेडल, मिडशिपमैन सशीन्द्रेनाथ आदित्य को दिया गया. मिडशिपमैन करने वाले सभी सब-लेफ्टिनेंट्स अगले छह महीने के लिए नौसेना के अलग-अलग बेस पर तैनात रहेंगे और उसके बाद उन्हें लेफ्टिनेंट की रैंक प्रदान की जाएगी.
शनिवार को पासिंग ऑउट परेड में आकर्षण का केंद्र रहा मिडशिपवूमैन, ब्रह्रमोज सिंह जो अपने परिवार की थर्ड जेनेरेशन ऑफिसर हैं. उनके पिता, ग्रुप कैप्टन सिमरनपाल सिंह बिर्दी भारतीय वायुसेना के अधिकारी हैं तो उनके दादा विंग कमांडर स्वर्ण सिंह बिर्दी भी वायुसेना में अधिकारी थे. खास बात ये है कि उनके नाना भी थलसेना की कोर ऑफ सिग्नल में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और उनके मामा भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.