Indian Navy: भारतीय नौसेना फ्रांस के सहयोग से बन रही तीन डीजल संचालित हमलावर पनडुब्बियों को खरीदने की तैयारी कर रही है. इसके लिए जल्द ही नौसेना रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council- DAC) से संपर्क कर सकती है. एयर इंडिपेंडेंट संचालित (AIP) इन पनडुब्बियों का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में होना है.


जानकारी के मुताबिक, भारतीय नौसेना की खास जरूरतों के आधार पर तीन एआईपी पनडुब्बियों के निर्माण का ठेका एमडीएल को दिया जाएगा. एमडीएल ने भारतीय नौसेना के लिए फ्रेंच स्कॉर्पीन आधारित छह कलवेरी वर्ग की पनडुब्बियों का निर्माण पहले ही कर लिया है. वहीं, आईएनएस वाग्शीर को मार्च 2024 से पहले नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है.


डीआरडीओ करेगा विकसित
तीन पनडुब्बियों में लगे एआईपी को डीआरडीओ द्वारा विकसित किया जाएगा. फ्रांसीसी नौसेना समूह इसका परीक्षण करेगा. परीक्षण के बाद इस एआईपी को पनडुब्बियों में लगाया जाएगा. फ्रांस के सहयोग से भारत तीन परमाणु-संचालित पारंपरिक हथियार-सशस्त्र पनडुब्बियों के साथ अपने पनडुब्बी बेड़े को अपग्रेड करना चाहता है. 


चीन है भारत के सामने चुनौती
परमाणु हमला करने वाली पनडुब्बियों को हासिल करने के फैसले में प्रक्रियात्मक समय लग सकता है. भारत ने रूस के साथ के साथ एक अनुबंध के तहत 2025 में पहले से पट्टे पर आईएनएस चक्र के बदले में एक परमाणु हमला पनडुब्बी मिलने की उम्मीद है. भारत ने रूस के साथ ये डील यूक्रेन युद्ध शुरू होने के काफी पहले की थी.


भारत के लिए पड़ोसी चीन समुद्र में भी बड़ी चुनौती है. चीन ने आठ परमाणु बैलेस्टिक मिसाइल पनडुब्बी औऱ 12 शांग और हान श्रेणी की परमाणु संचालित हमलावर पनडुब्बियों के साथ चीन ने अपने सैन्य बेड़े को मजबूती दी है. इस बीच पीपल्स लिबरेशन आर्मी के दो विमान वाहक पोत के साथ तीसरा भी तैयार होने वाला है, जो जल्द ही समुद्र में गश्त शुरू कर सकता है. ऐसे में भारत को भी समुद्र में बड़ी रक्षा तैयारी रखनी होगी. 


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