India-Saudi Arab Naval Exercise: बीते कुछ वर्षों में भारत और सऊदी अरब के बीच रिश्तों में काफी मजबूती आई है. व्यापार हो या स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी हो या रक्षा, हर क्षेत्र में दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं इसी कड़ी में दोनों देशों की नौसेनाएं मिलकर युद्धाभ्यास करने वाली हैं. दोनों देशों की नौसेना के अधिकारियों ने गुरुवार (16 मार्च) को मुंबई में मुलाकात की और इस प्रस्तावित साझा युद्धाभ्यास पर चर्चा की. 


एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भारत और सऊदी अरब के नौसैनिक इसी साल मई में एक-दूसरे के साथ ज्वाइंट मिलिट्री ट्रेनिंग करेंगे. यह मिलिट्री ट्रेनिंग सऊदी अरब के जुबैल में आयोजित करने की योजना है. इसे अल-मोहद-अल हिंदी-23 का नाम दिया गया है. दोनों देशों की नौसेना के बीच इस तरह की यह दूसरी ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज है. 


दोनों देशों के नौसैनिकों ने मुलाकात की


दोनों देशों के बीच पहला युद्धाभ्यास अगस्त 2021 में आयोजित किया गया था. रॉयल सऊदी नौसेना के जवानों की एक टीम ने मुंबई में इंडियन नेवी के जवानों से मुलाकात की. भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने गुरुवार (16 मार्च) को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, "मई में सऊदी अरब के जुबैल में होने वाले युद्धाभ्यास की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए दोनों देशों की नौसेनाओं के अधिकारी मिले और इस ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज पर चर्चा हुई."


रियाद सम्मेलन में बना था रोडमैप


इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य सामरिक युद्धाभ्यास, खोज और बचाव अभियान और इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर ड्रिल करना है. 2019 में आयोजित रियाद शिखर सम्मेलन के दौरान ही दोनों देशों के बीच इस तरह की मिलिट्री एक्सरसाइज को आयोजित करने की रूपरेखा तय की गई थी. 


'दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए'


हाल ही में सऊदी अरब के विदेश मंत्री फरहान अल-सौद ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि भारत के साथ संबंध को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया था. उन्होंने कहा था, "पीएम मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान दोनों ही नेता दोनों देशों के बीच संबंध को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं. बीते कुछ वर्षों में दोनों देशों के रिश्ते तेजी से बढ़े हैं."


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