नई दिल्लीः भारतीय नौसेना की एविएशन विंग को अगले हफ्ते प्रेसिंडेंट-कलर से सम्मानित किया जाएगा. 6 सितंबर को खुद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस दौरान नौसेना के गोवा स्थित आईएनएस हंस बेस पर मौजूद रहेंगे. प्रेसिडेंट-कलर किसी भी मिलिट्री-विंग को असाधारण सेवा के लिए दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है. 


भारतीय नौसेना की एविएशन विंग का गठन 1951 में हुआ था और पहला नेवल-एविएशन बेस सन 1953 में स्थापित किया गया था. आज भारतीय नौसेना में नौ (09 एयर-स्टेशन और तीन (03) नेवल एयर-एंक्लेव हैं. भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में आज 250 लड़ाकू विमान, टोही-विमान और हेलीकॉप्टर शामिल हैं. इनमें मिग-29के फाइटर जेट्स, लॉन्ग रेज मेरीटाइम रेकोनेसेंस एयरक्राफ्ट, पी8आई, डोरनियर एयरक्राफ्ट, कामोव हेलीकॉप्टर, एएलएच हेलीकॉप्टर इत्यादि शामिल हैं. 


समंदर में निगरानी रखने से लेकर किसी भी आपदा के दौरान नौेसेना की एविशन विंग ही 'फर्स्ट-रेस्पोंडर' होती है. एयर-फ्लीट की मदद से जल, थल और आकाश तीनों जगह नेवल ऑपरेशन्स को अंजाम दिया जा सकता है. नेवल एविएशन ने ऑपरेशन कैक्टस, ऑप-ज्यूपिटर, ऑप-शिल्ड, ऑप-विजय और ऑप-पराक्रम में हिस्सा लिया है. इसके अलावा मानवीय सहायता में ही नेवल एविएशन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, फिर वो चाहे 2004 में ऑप-कैस्टर हो या फिर 2006 में ऑप-सुकून, 2017 में ऑप-सहायम हो या फिर 2019 का ऑप सहायता या फिर हाल ही में अरब सागर में आया साईक्लोन ताउते. 


हाल ही में अमेरिका से मिली एमएच-60आर रोमियो हेलीकॉप्टर भी नौसेना की एविशन विंग का ही हिस्सा होंगे. भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात होने वाले लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर्स भी इसी विंग का हिस्सा होते हैं. 


भारतीय नौसेना के मुताबिक, 6 सितंबर को प्रेसिडेंट-कलर सम्मान समारोह के दौरान सशस्त्र-सेनाओं के सुप्रीम कमांडर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ-साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गोवा के मुख्यमंत्री और नौेसेना प्रमुख भी वहां मौजूद रहेंगे.


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