Marcos Commandos: भारतीय नौसना (Indian Navy) के स्पेशल-फोर्सेंज (Special Forces) यानि मार्कोस की पहली बार खास तस्वीरें सामने आई हैं. इन तस्वीरों में मरीन कमांडोज़ यानि मार्कोस नौसेना प्रमुख एडमरिल आर हरि कुमार (Navy Chief Adm R Hari Kumar) से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं. नौसेना के सामरिक महत्व के नेवल-बेस पर तैनाती से लेकर समंदर में एंटी-पायरेसी ऑपरेशन तक में मार्कोस कमांडोज़ की एक अहम भूमिका होती है.
मार्कोस के बारे में कम ही जानकारी और तस्वीरें सामने आती हैं
मरीन कमांडोज़ यानि मार्कोस के बारे में कम ही जानकारी और तस्वीरें सामने आती हैं. भारतीय सेना की स्पेशल फोर्सेज़ यानि पैरा-एसएफ की तस्वीर अमूमन सामने आती रहती हैं. एलओसी पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पीओके में की गई सर्जिकल स्ट्राइक (वर्ष 2016) के बाद से थलसेना के पैरा-एसएफ कमांडोज़ बेहद चर्चा में आए थे. इससे एक साल पहले म्यांमार की सीमा में घुसकर क्रॉस-बॉर्डर रेड भी पैरा-एसएफ कमांडोज़ ने ही अंजाम दी थी. लेकिन मरीन-कमांडोज़ के बारे में चर्चा कम ही होती आई है. करीब डेढ़ साल पहले तत्कालीन नौसेना प्रमुख एडमरिल करमबीर सिंह से एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब मरीन कमांडोज़ के बावत एक सवाल किया गया तो उन्होनें दो टूक कह दिया था कि स्पेशल-फोर्सेज़ के ऑपरेशन के बारे में नौसेना मुख्यालय में भी कम ही बातें की जाती हैं. ऐसे में मार्कोज़ की तैनाती और ऑपरेशन के बारे में वे ज्यादा कुछ नहीं बता सकते हैं.
नौसेना प्रमुख ने कॉम्बेट-रेडी पर दिया जोर
लेकिन गुरुवार को भारतीय नौसेना ने अपने आधिकारिक ट्वीटर एकाउंट से मार्कोज़ से जुड़ीं तस्वीरें जारी की. इन तस्वीरों मे एडमिरल हरि कुमार वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मरीन कमांडोज़ से बात कर रहे थे. नौसेना के प्रवक्ता के मुताबिक, सीएनएस-कनेक्ट के तहत चीफ ऑफ नेवल स्टाफ, एडमिरल आर हरि कुमार देश के दूर-दराज के इलाकों में नेवल बेस पर तैनात नौसैनिकों से वीडियो कॉल कर जुड़ रहे हैं. इसी कड़ी में नौसेना प्रमुख ने देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात मार्कोस से बात की. इस वार्तालाप के दौरान नौसेना प्रमुख ने अहम ठिकानों पर मरीन कमांडोज़ की उपस्थिति को स्वीकार करते हुए कॉम्बेट-रेडी यानि हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहने पर जोर दिया. इन तस्वीरों में मरीन कमांडोज़ अपने चेहरे पर नकाब लगाए हुए दिख रहे हैं. एक तस्वीर में मार्कोस अपने पूरे कॉम्बेट-गियर में कैमरा लगे हेलमेट और हाथों में खास ट्रेवोर राइफल लिए दिखाई पड़ रहे हैं.
सभी युद्धपोत पर मरीन कमांडोज़ किए जाते हैं तैनात
गौरतलब है कि समंदर में भारतीय सेना के जितने भी युद्धपोत तैनात रहते हैं उन सभी पर मरीन कमांडोज़ भी तैनात रहते हैं. इस दौरान अरब सागर में एंटी-पायरेसी ऑपरेशन यानि समुद्री-लुटेरों के खिलाफ कार्यवाही उनका अहम चार्टर है. इसके अलावा कम ही लोग जानते हैं कि कश्मीर की वूलर-लेक यानि झील में पिछले कई सालों से मार्कोस ही तैनात रहते हैं. खास बात ये है कि जब से मार्कोस की तैनात वूलर लेक पर की गई है तब से इस इलाके में एलओसी से आतंकियों की घुसपैठ काफी कम हो गई है. उससे पहले तक गुरेज और बांदीपुरा सेक्टर से पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ काफी होती थी और फिर वूलर-लेक के जरिए आतंकी कश्मीर घाटी में दाखिल हो जाते थे. यहां तक की मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के दौरान भी जबतक एनएसजी के कमांडोज़ ने आतंकियों के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला था तबतक मुंबई नेवल बेस पर तैनात मरीन कमांडोज़ ने ही पाकिस्तान से आए आतंकियों से लोहा लिया था.
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