Indian Navy BrahMos Missile Testing: आत्मनिर्भर निर्भर भारत कार्यक्रम के तहत भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल का रविवार (05 मार्च) को सफल परीक्षण किया है. इसके बूस्टर को डीआरडीओ ने डिजायन किया है. मिसाइल का परीक्षण कोलकाता के घातक युद्पोत से किया गया. इसने अरब सागर में अपने टारगेट पर सटीक हमला किया है. मामले की जानकारी भारतीय नौसेना की ओर से दी है.
नौसेना की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया, “भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ की डिजायन की गई स्वदेशी साधक और वर्धक ब्रह्मोस मिसाइल ने अरब सागर में सटीक हमला किया है. ये आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करता है.” बयान में आगे कहा गया है कि मिसाइल का परीक्षण कोलकाता क्लास गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर वारशिप से किया गया. मिसाइल में स्वदेशी सामग्री बढ़ाने पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस लगातार काम कर रहा है.
सुखोई से वायुसेना ने भी किया था परीक्षण
इंडियन एयरफोर्स ने दिसंबर 2022 में बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. ये 400 किलोमीटर तक के टारगेट को निशाना बना सकती है. वायु सेना ने अपने ऑफिशियल बयान में कहा था कि इस मिसाइल को सुखोई Su-30 फाइटर एयरक्राफ्ट से टेस्ट किया गया. रक्षा विभाग ने बताया कि टेस्ट के दौरान मिसाइल ने टारगेट की गई शिप को बीचोबीच मारा. यह मिसाइल के एयर-लॉन्च वर्जन का एंटी-शिप वर्जन है.
क्या है ब्रह्मोस?
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बी, शिप, एयरक्राफ्ट या जमीन कहीं से भी छोड़ा जा सकता है. ब्रह्मोस रूस की P-800 ओकिंस क्रूज मिसाइल टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इस मिसाइल को भारतीय सेना के तीनों अंगों, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को सौंपा जा चुका है. ब्रह्मोस मिसाइल के कई वर्जन मौजूद हैं. ब्रह्मोस के लैंड-लॉन्च, शिप-लॉन्च, सबमरीन-लॉन्च एयर-लॉन्च वर्जन की टेस्टिंग हो चुकी है.
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