नौसेना की बढ़ेगी ताकत, आज इंडियन नेवी में शामिल होगा रडार की पकड़ में नहीं आने वाला INS कवरत्ती
रडार की पकड़ में नहीं आने के कारण इससे नौसेना की ताकत में इजाफा होगा.कवरत्ती जीआरएसई द्वारा निर्मित 104वां पोत होगा. इसका 90 फीसदी हिस्सा स्वदेश निर्मित है.
कोलकाता: नौसेना की ताकत बढ़ाने वाला को ऐंटी-सबमरीन युद्धपोत आईएनएस कवरत्ती आज इंडियन नेवी के बेड़े में शामिल हो जाएगा. इस युद्धपोत की खासियत है कि यह रडार की पकड़ में नहीं आता. ‘कवरत्ती’ उन चार ऐंटी सबमरीन युद्धपोतों में से अंतिम है, जिनका निर्माण जीआरएसई ने परियोजना पी28 के तहत भारतीय नौसेना के लिए किया है.
इसका 90 फीसदी हिस्सा स्वदेश निर्मित
इसके अलावा नौसेना के पास तीन और ऐसे ही युद्धपोत हैं. कवरत्ती जीआरएसई द्वारा निर्मित 104वां पोत होगा. इसका 90 फीसदी हिस्सा स्वदेश निर्मित हैं और नई तकनीक की मदद से इसकी देखरेख की जरूरत भी कम होगी. रक्षा सूत्रों ने बताया कि पोत परमाणु, केमिकल और बायलॉजिकल युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा.
Indian Army Chief General MM Naravane to commission the last of four indigenously built Anti-Submarine Warfare (ASW) stealth corvettes INS Kavaratti (in file photo) under Project 28 in Vishakhapatnam tomorrow. pic.twitter.com/eUc1VhLxOF
— ANI (@ANI) October 21, 2020
नौसेना की ताकत में होगा इजाफा
रडार की पकड़ में नहीं आने के कारण इससे नौसेना की ताकत में इजाफा होगा. इसके अलावा तीन ऐंटी-रडार और ऐंटी-सबमरीन पोत हैं- आईएनएस कमोर्ता, आईएनएस कदमत और आईएनएस किलतान. ये नाम लक्षद्वीप द्वीपसमूह के द्वीपों के नाम पर रखे गए हैं.
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