Chinese Ship In Indian Ocean Region: भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र (इंडियन ओशन रीजन) में चीन के तीन वॉरशिप, एक पनडुब्बी और एक एक रिसर्च पोत पर कड़ी नजर रखी हुई है. दरअसल, नवंबर 2023 में चीन और पाकिस्तान की नौ सेनाएं उत्तरी अरब सागर में सी गार्डियंस नामक संयुक्त समुद्री अभ्यास करने वाली हैं.



टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पर्शियन गल्फ क्षेत्र में चीन ने एक एंटी-पाइरेसी एस्कॉर्ट फोर्स (APEF), एक फ्रिगेट और एक टेंकर को आगामी समुद्री अभ्यास के लिए एक सहायक पोत के साथ सोंग क्लास डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी में शामिल किया गया है.


श्रीलंका में रुका था चीन का वॉरशिप
इसे लेकर भारतीय नेवी मलक्की जलसंधि से पर्शियन गल्फ तक चीन की गतिविधियों पर नजर रखी हुई. इससे पहले भारत के विरोध के बावजूद भी बुधवार (25 अक्टूबर) को चीन का वॉरशिप शी यान-6 श्रीलंका के कोलंबो में रुका था. इसके अलावा अगस्त महीने में भी चीन का हाई यांग 24 हाओ वॉरशिप 140 चालक दल के साथ कोलंबो पहुंचा था.


भारत रख रहा कड़ी नजर
भारतीय नौसेना चीन के वॉरशिप और सिसर्च पोत पर अमेरिका से लीज पर लिए गए पी-81 एयरक्रॉफ्ट और एमक्यू-9बी ड्रोन की मदद नजर रख रही है. चीन के वॉरशिप में बड़ा एंटीना, एडवांस सेंसर और कई तरह के इलेक्टॉनिक डिवाइस लगे होते हैं. यह डिवाइस जासूसी के काम आते हैं.


इसके अलावा यह सैटेलाइट लॉन्च की मॉनिटरिंग करते हैं और भारत की ओर टेस्टिंग की गई बैलिस्टिक मिसाइलों की ट्रैक भी करते हैं. 


भारत ने जताई थी आपत्ति
इससे पहले भारत ने चीन की नौसैनिक और वॉरशिप को श्रीलंका के बंदरगाह पर आने की अनुमति देने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी. पिछले साल हंबनटोटा में चीन के अंतरिक्ष ट्रैकिंग वॉरशिप युआन वांग -5 को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच डिप्लोमेटिक तनाव भी बढ़ था. इसस पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करेगा.


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