समंदर में अब ड्रोन्स के खतरे से निपटेगी Indian Navy, बीईएल से किया 20 ‘लेजर-डेज़लर्स’ का करार
नौसेना के लिए बीईएल जो लेज़र-डेज़लर्स सप्लाई कर रही है वे पूरी तरह से स्वेदशी हैं और डीआरडीओ ने तैयार किया है. पिछले साल यानि फरवरी 2020 में लखनऊ में हुए डिफेंस-एक्सपो में डीआरडीओ ने इनको प्रदर्शित किया था. इन लेजर-डेजलर्स को किसी गाड़ी पर भी लगाया जा सकता है.
समंदर में बढ़ते ड्रोन्स के खतरे से निपटने के लिए भारतीय नौसैना ने भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से 20 लेज़र-डेज़लर्स खरीदने का करार किया है. नॉन-लिथिल वैपन की तरह इस्तेमाल किए जाने वाले ये लेज़र-डेज़लर्स समुद्री-लुटेरों और समंदर में संदिग्ध बोट्स से निपटने में भी नौसेना की मदद करेंगे.
विदेशी कंपनियों को पछाड़ते हुए बीईएल को मिला कॉन्ट्रेक्ट
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सरकारी उपक्रम, बीईएल ने विदेशी कंपनियों को पछाड़ते हुए इस कॉन्ट्रेक्ट को नौसेना से हासिल किया है. बीईएल के पुणे स्थित प्लांट में इन लाइट एम्पलिफिकेशन वाले सिटिम्युलेटेड एमिशन ऑफ रेडिएशन डेज़लर्स यानि लेज़र-डेज़लर्स को तैयार किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ये शुरूआती करार है. ऐसे में माना जा रहा है कि निकट-भविष्य में इन लेज़र-डेज़लर की संख्या बढ़ भी सकती है.
दुश्मन के यूएवी और एयरक्राफ्ट्स के खिलाफ होंगे इस्तेमाल
नौसेना ने इन लेज़र-डेज़लर्स को समंदर में दुश्मन के यूएवी (ड्रोन्स) और एयरक्राफ्ट्स के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए लिया है. क्योंकि इसकी लेज़र-लाइट ड्रोन्स और एयरक्राफ्ट्स को डिस्ट्रेक्ट यानि भटका देती है. इसके साथ-साथ क्योंकि ये नॉन-लिथिल (यानि कम खतरनाक) हैं इसलिए इनका इस्तेमाल समुद्री-लुटेरों और संदिग्ध बोट्स के खिलाफ भी किया जा सकता है. क्योंकि लेज़र से किसी भी इंसान की आंखों की रोशनी को कुछ देर के लिए पूरी तरह से बाधित किया जा सकता है. ऐसे में अगर समुद्री-लुटेरे या फिर संदिग्ध बोट्स अगर सेक्योर-एरिया में आने की कोशिश करते हैं तो उनके ऑप्टिकल-सेंसर्स को अस्थायी तौर से खराब किया जा सकता है.
उग्र प्रदर्शन के दौरान भीड़ को काबू करने में भी उपयोगी
नौसेना के लिए बीईएल जो लेज़र-डेज़लर्स सप्लाई कर रही है वे पूरी तरह से स्वेदशी हैं और डीआरडीओ ने तैयार किया है. पिछले साल यानि फरवरी 2020 में लखनऊ में हुए डिफेंस-एक्सपो में डीआरडीओ ने इनको प्रदर्शित किया था. इन लेजर-डेजलर्स को किसी गाड़ी पर भी लगाया जा सकता है. इन व्हीकल-माउंटेड लेजर-डेजलर्स को दंगे और उग्र-प्रदर्शन के दौरान भीड़ को काबू करने के लिए भी किया जा सकता है. नौसेना के लिए जो लेज़र-डेज़लर्स तैयार किए जा रहे हैं वे सोल्डर-माउंटेड है यानि वे पोर्टेबल हैं और कंधे पर उठाया इस्तेमाल किया जा सकता है.
लेजर-डेजलर्स के अलावा बीईएल ने नौसेना से 10 लिंक्स यू2 नेवल गन फायर सिस्टम का भी करार किया है. ये करार करीब 1355 करोड़ का है. ये गन सिस्टम भी एरियल और सर्फेस टारगेट को मार गिराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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