Nirav Modi Extradition : भारतीय अथॉरिटी ने ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील के लिए अनुमति देने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका पर अपना जवाब दे दिया है. ब्रिटिश अदालतों में भारत सरकर की ओर से पेश होने वाली क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) के पास पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के दो अरब डॉलर के घोटाले मामले में आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ 51 वर्षीय मोदी की याचिका पर लंदन में हाई कोर्ट के समक्ष जवाब दाखिल करने के लिए सोमवार तक का वक्त था. 


नीरव मोदी के वकीलों ने पिछले महीने यह अपील दायर की थी जब वह मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर हाई कोर्ट में शुरुआती अपील हार गया था. दो जजों की पीठ ने कहा था कि उसके आत्महत्या करने का खतरा इतना भी नहीं है कि उसे लंदन में वैंड्सवर्थ प्रीजन से मुंबई में आर्थर रोड जेल प्रत्यर्पित करना अन्यायपूर्ण या दमनकारी होगा.


क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने पुष्टि की


क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) ने पुष्टि की, हमने पांच दिसंबर की समयसीमा पूरी कर ली है. अब लंदन में हाई कोर्ट यह फैसला करेगा कि उसे अपील करने की अनुमति दी जाए या नहीं. इस प्रक्रिया में कुछ हफ्ते लग सकते हैं और इसके इस साल पूरा होने की संभावना नहीं है. ब्रिटेन के गृह कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि अभी यह पता नहीं है कि प्रत्यर्पण कब हो सकता है क्योंकि मोदी के पास अब भी कई कानूनी विकल्प बाकी हैं.


नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था 


अगर सुप्रीम कोर्ट  में अपील पर सुनवाई की उसकी कोशिश नाकाम होती है तो सैद्धांतिक रूप से नीरव मोदी इस आधार पर अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के लिए यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमैन राइट्स’ (ECHR) में आवेदन कर सकता है कि उसके मुकदमे की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई और उसे ऐसी शर्तों के तहत हिरासत में लिया जाएगा, जो मानवाधिकार पर यूरोपीय संधि के अनुच्छेद तीन का उल्लंघन है. ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल 2021 में एक अदालत के फैसले के आधार पर नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था और अब यह मामला अपीलों की प्रक्रिया से गुजर रहा है.


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