इंडियन ऑयल ने रेफरेंस फ्यूल का उत्पादन किया शुरू, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में भारत का बड़ा कदम
Reference Fuel: इसके उत्पादन से अब भारत के दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भारत चौथा देश है, जो रेफरेंस फ्यूल बनाने में सक्षम है.
India Produce Reference Fuel: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation) ने भारत में रेफरेंस फ्यूल का उत्पादन शुरू कर दिया है. इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक अहम पड़ाव माना जा रहा है. ऑटोमोबाइल के रिसर्च के लिए इस्तेमाल होने वाले इस उच्च कोटि के ईंधन को अब तक भारत आयात करता था.
पेट्रोल और डीजल दोनो वेरिएंट में होगा उपलब्ध
इंडियन ऑयल की तरफ से बनाया जा रहा रेफरेंस फ्यूल पेट्रोल और डीजल दोनो वेरिएंट में उपलब्ध होगा. इस ईंधन को गाड़ियों की टेस्टिंग, इंजन कैलीबेरेशन और सर्टिफिकेशन में इस्तेमाल किया जाता है.
कहां होगा उत्पादन?
गैसोलिन (पेट्रोल) रेफरेंस फ्यूल का उत्पादन पारादीप रिफाइनरी में होगा, जबकि डीजल रेफरेंस फ्यूल का उत्पादन पानीपत रिफाइनरी में होगा. अभी तक भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बेहद महंगे रेफरेंस फ्यूल को अमेरिका या यूरोप से खरीदती रही हैं. अब भारत में इसका उत्पादन होने से न सिर्फ आयात पर निर्भरता खत्म होगी, बल्कि भारत दूसरे देशों को रेफरेंस फ्यूल का निर्यात भी कर सकेगा.
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने क्या कहा?
इस अहम मौके पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे. उन्होंने इसे ऐतिहासिक मौका बताया. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, "अब तक 3 देश ही रेफरेंस फ्यूल का उत्पादन करते थे. भारत चौथा देश है, जो रेफरेंस फ्यूल बनाने में सक्षम है.
रेफरेंस फ्यूल क्या है?
रेफरेंस फ्यूल बेहद उच्च कोटि का ईंधन होता है, जो सामान्य या प्रीमियम पेट्रोल या डीजल से काफी बेहतर होता है. गाड़ियों के इंजन के रिसर्च के लिए दुनिया भर में वाहन निर्माता कंपनियां इसका इस्तेमाल करती हैं. ऐसे में भारत के पास इसके निर्यात का एक अच्छा मौका है.
इंडियन ऑयल के अधिकारियों ने बताया है कि भारत गैसोलिन और डीजल रेफरेंस फ्यूल 200 लीटर के ड्रम पैक में उपलब्ध होगा.
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