(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Adani row: क्या अडानी मुद्दे को लेकर संसद में खत्म होगा गतिरोध? विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने किया इशारा!
Gautam Adani Issue: देश के विपक्ष की कई पार्टियों को लगता है कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भी अडानी मुद्दे पर विपक्ष अपनी बात रख सकता है और सरकार को घेरा सकता है.
Gautam Adani Issue: संसद में जारी अडानी (Gautam Adani) मुद्दे पर गतिरोध सोमवार (6 फरवरी) को खत्म होने की संभावना है. कांग्रेस (Congress) के बाद संसद में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी सोमवार (6 फरवरी) से संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेने को तैयार है. हालांकि अंतिम फैसला लेने के लिए सोमवार (6 फरवरी) सुबह विपक्षी नेताओं की बैठक होगी.
अडानी मुद्दे पर संसद में और हंगामे के बीच रविवार (5 फरवरी) को मोदी सरकार के लिए एक राहत की खबर आई. राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक ट्वीट किया. ट्वीट में डेरेक ओ ब्रायन (Derek O'Brien) ने लिखा कि बीजेपी डर गई है और संसद में चर्चा से भाग रही है. मोदी सरकार को 6 फरवरी से घेरने का अच्छा मौका है, जब संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा होगी. इस पर नजर बनाकर रखिए, अगर कोई विपक्षी पार्टी संसद में मुश्किलें पैदा करती है, इसका मतलब वो बीजेपी से मिला हुआ है. वहीं तृणमूल कांग्रेस संसद में चर्चा चाहती है न कि व्यवधान.
बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं
डेरेक ओ ब्रायन अब किस विपक्षी पार्टी पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं, यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के इस बदले रुख से बाकी विपक्षी दलों पर संसद को चलाने का दबाव बनना तय है.
सूत्रों से के मुताबिक 6 फरवरी को एक बार फिर विपक्षी दलों के नेताओं की सुबह एक बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर फैसला किया जाएगा. दरअसल, विपक्ष की कई पार्टियों को लगता है कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भी अडानी मुद्दे पर विपक्ष अपनी बात रख सकता है और सरकार को घेरा जा सकता है. सरकार की तरफ से भी बार-बार कहा जा रहा है कि चर्चा के दौरान विपक्ष अगर अपनी बात रखना चाहता है तो रख सकता है, सरकार उसका जवाब देने के लिए तैयार है.
विपक्ष के सांसद विरोध प्रदर्शन करेंगे
लोकसभा में शुक्रवार (3 फरवरी) को हंगामे के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि जनजातीय समुदाय से आने वाली किसी राष्ट्रपति का ये पहला अभिभाषण था और इस पर चर्चा ज़रूर होनी चाहिए. जाहिर है राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा अगर शुरू नहीं हो पाती है तो विपक्ष पर इसको बाधित करने का आरोप लगेगा और कुछ विपक्षी नेताओं का मानना है कि इससे गलत संदेश जाएगा. पिछले हफ्ते कांग्रेस सूत्रों ने भी यही दावा किया था कि सोमवार (6 फरवरी) से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देंगे.
हालांकि उसके बाद कांग्रेस ने ऐलान कर दिया कि सोमवार को देशभर के सभी जिलों में एलआईसी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के दफ्तरों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. ऐसे में आशंका बढ़ गई कि सोमवार को भी संसद की कार्यवाही नहीं चल पाएगी. उधर, अडानी मुद्दे पर जांच की मांग को लेकर विपक्ष के सांसद सोमवार सुबह 10:30 बजे संसद भवन में गांधी मूर्ति के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे.
ये भी पढ़ें:Britain Political Crisis: ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की बढ़ी मुश्किलें! लिज ट्रस ने खोला मोर्चा