इंडियन कमर्शियल पायलट एसोशिएशन ने नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर एक अर्जेंट मीटिंग की माँग की है. पायलट एसोशिएशन के दो जनरल सेक्रेटरी कैप्टन टी. प्रवीन कीर्थी और कैप्टन कनव हिंगोरानी ने अपने पत्र में एयर इंडिया के पायलटों के साथ हो रही अनदेखी का भी ज़िक्र किया है.
तीसरी बार लिखी है चिट्ठी
पायलट एसोशिएशन ने अपने आज के पत्र में नागरिक उड्डयन मंत्री को यह भी बताया है कि इस सम्बंध में ये उनका तीसरा पत्र है जो उन्हें भेजा गया है. इससे पहले पायलट एसोशिएशन की ओर से पहला पत्र 27 जुलाई को और दूसरा पत्र 1 अगस्त को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा गया था जिसका कोई जवाब पायलट एसोशिएशन को नहीं मिल सका है.
एयर इंडिया और उसकी सहयोगी कम्पनियों के पायलटों में है असंतोष
अपने पत्र की शुरुआत में ही पायलट एसोशिएशन ने साफ़ किया है कि वो एयर इंडिया और उसकी सहयोगी कम्पनियों एयर इंडिया एक्सप्रेस और एलायंस एयर के पायलट के साथ हो रही नाइंसाफ़ियों के बारे में बात करना चाहते हैं.
मामले को कोझिकोड हादसे से जोड़ कर देखे जाने की अपील
7 अगस्त को केरल के कोझिकोड में हुए विमान हादसे का ज़िक्र करते हुए पायलट एसोशिएशन ने सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि विमान हादसे की जाँच अभी चल रही है लेकिन “हम इस बात को रेखांकित करना चाहते हैं कि फ़्लाइट सेफ़्टी और पायलटों की वर्किंग कंडीशन को अलग-अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए. दोनों एक दूसरे से जुड़ी हुई बातें हैं.” पायलट एसोशिएशन का इशारा इस ओर भी है कि कोझिकोड विमान हादसे की जाँच में पायलट सम्बंधी समस्याओं की भी जाँच हो जिसका प्रभाव विमान हादसे के समय पायलटों के ऊपर मनोवैज्ञानिक रूप से पड़ सकता है. पायलट एसोशिएशन चाहता है कि जाँच रिपोर्ट में इस आयाम से भी अपनी रेकमंडेशंस दी जांय.
सीनियर मैनेजमेंट पर पक्षपात का आरोप
पत्र में पायलट एसोशिएशन ने एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एलायंस एयर के पायलटों की तनख़्वाहों में हुई कटौती का ज़िक्र करते हुए और एयर इंडिया बोर्ड पर आरोप लगते हुए कहा कि बोर्ड ने अपने पायलटों को टार्गेट करते हुए उनकी तनख़्वाहों में मनमानी कटौती की है जिसका नकारात्मक असर पायलटों पर पड़ सकता है. पायलट एसोशिएशन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सीनियर मैनेजमेंट के हितों की रक्षा करने के लिए पायलटों की तनख़्वाह में कटौती की जा रही है.
डीजीसीए पर लगाया अनदेखी का आरोप
पायलट एसोशिएशन ने डीजीसीए पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि पायलटों की वर्किंग कंडीशन को ठीक करने में डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन अपनी ज़िम्मेदारी को बखूबी नहीं निभा रहा.
पायलटों को कई चुनौतियों से जूझना पड़ता है
पायलट एसोशिएशन ने कहा कि इन दिनों पायलट कोरोना संकट से जूझते हुए अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, उन्हें ख़राब मानसून की चुनौतियों से भी निपटना पड़ता है. इसके अलावा पायलटों का फ़्लाईट ड्यूटी टाईम लिमिटेशन ( एफडीटीएल) भी ख़राब तरह से बनाया जाता है जिससे उन्हें काफ़ी असुविधा होती है.