Indian Pilot's Alcohol Drinking Problem: भारतीय एयरलाइंस के पायलट (Pilot) नशे की गिरफ्त में हैं. इस बात का खुलासा गुरुवार को लोकसभा में हुआ. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री (Minister Of Civil Aviation) ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बीते छह महीने में 68 एयरलाइंस चालक दल के सदस्य उड़ान से पहले किए जाने वाले सांस लेने वाले परीक्षण में फेल रहे हैं. टेस्ट में फेल होने वालों में एक दर्जन से अधिक पायलट भी शामिल हैं.


पायलटों में शराब की लत का खुलासा


नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को लोकसभा को भारतीय एयरलाइंस के पायलटों के नशे की लत के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत में विभिन्न एयरलाइनों के 14 पायलट और 54 चालक दल के सदस्य ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट (Breath Analyzer Alcohol Test) में फेल रहे. पायलट और चालक दल के नशे की लत का ये आंकड़ा इस साल के शुरुआती छह महीनों का ही है. इनमें से डीजीसीए (DGCA) ने दो पायलट और दो केबिन क्रू मेंबर्स को दूसरी बार शराब के नशे में पकड़े जाने की वजह से तीन साल के लिए सस्पेंड कर दिया. उधर दूसरी तरफ जिन पायलट के शरीर में टेस्ट में बहुत अधिक शराब पाई गई थी. उन्हें तीन महीने के लिए निलंबित किया गया. उनकी सजा में यह रियायत इसलिए की गई कि यह उनका पहला अपराध था.


क्या भारतीय पायलट पियक्कड़ हैं


गौरतलब है कि एयरलाइंस में नशे में धुत पायलट और चालक दल के सदस्य कोई नई समस्या नहीं हैं. इससे पहले भी पायलट्स के शराब के नशे में होने के मामले सामने आए हैं. संसद में एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री सिंधिया ने बताया कि पिछले ढाई वर्षों में  60 पायलटों और 150 केबिन क्रू सदस्यों ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में फेल हो गए थे. साल 2016 में संसद में बताया था कि 2016 में जनवरी 1 से लेकर 31 अक्तूबर के बीच 38 पायलट और 113 कैबिन क्रू जहाज़ उड़ने से पहले होने वाले शराब के टेस्ट में फ़ेल हुए थे. ये आंकड़े इसलिए चौंका सकते हैं क्योंकि साल 2015 में भी 40 पायलट ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में फ़ेल हुए थे. साल  2014 में शराब के टेस्ट में फेल होने वाले विमान चालक दल का ये आंकड़ा 20 के करीब रहा था.


शराब पीने में हिस्ट्री शीटर्स भी हैं पायलट


भारत में पिछले कुछ वर्षों में एयरलाइन क्रू और ग्राउंड स्टाफ के ड्यूटी के दौरान नशे में होने की घटनाओं में इजाफा हुआ है. साल  2015 और 2018 के बीच, 171 पायलटों को उनकी उड़ानों के निर्धारित टेक-ऑफ से पहले भारत और विदेशों में हवाई अड्डों पर नशे में पकड़ा गया था. इसमें अकेले दिल्ली एयरपोर्ट पर 57 केस पकड़े गए थे. ये केवल पायलट और केबिन क्रू सदस्य ही नहीं हैं, जो रोजाना शराब पी रहे हैं. इस साल की शुरुआत में जनवरी से लेकर फरवरी में 12 ग्राउंड क्रू स्टाफ को ड्यूटी के दौरान नशे में पकड़ा गया था. इनमें एयरपोर्ट के ड्राइवर, अग्निशामक और विमान रखरखाव कर्मी शामिल थे. 


क्या हैं डीजीसीए के नियम


डीजीसीए (DGCA) के नियमों में कहा गया है कि शराब के सेवन और उड़ान के प्रस्थान समय के बीच कम से कम 12 घंटे का अंतर होना चाहिए. नियमों के मुताबिक कॉकपिट (Cockpit) और केबिन क्रू (Cabin Crew) दोनों में से 50 फीसदी का दैनिक आधार पर उड़ान से पहले ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट (Breath Analyzer Alcohol Test) किया जाता है. टेस्ट में फेल होने पर पहली बार तीन महीने का निलंबन और दूसरे बार अपराध के लिए तीन साल का निलंबन है. वहीं तीसरे बार के अपराध के लिए लाइसेंस रद्द करने की सजा है.


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