Rishi Sunak Indian Politics: भारतीय मूल के ऋषि सुनक को ब्रिटेन की कमान मिलने के बाद दुनियाभर में उनकी चर्चा है. ब्रिटेन में जारी आर्थिक संकट के बीच लिज ट्रस ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने का मौका मिला. सुनक के ब्रिटिश पीएम बनने को लेकर भारत में भी जमकर चर्चा है, देश में लोग उन्हें लेकर तमाम तरह की बातें गूगल पर सर्च कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ ऋषि सुनक पर भारत में राजनीति भी जमकर गरमा रही है. तमाम विपक्षी नेताओं ने सुनक के पीएम पद तक पहुंचने को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं सरकार की तरफ से भी जवाब दिया गया.
ओवैसी ने छेड़ा हिजाब का जिक्र
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से ऋषि सुनक के बहाने सरकार पर निशाना साधा गया. ओवैसी ने सीधे पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास सिर्फ एक जुमला है. जमीनी हकीकत कुछ और ही है. ऋषि सुनक के पीएम पद तक पहुंचने पर ओवैसी ने कहा कि "मैं चाहता हूं भविष्य में हिजाब पहनने वाली कोई लड़की भारत की प्रधानमंत्री बने."
महबूबा मुफ्ती ने CAA-NRC पर उठाए सवाल
ओवैसी के अलावा पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी सवाल उठाया कि भारत में अब तक विभाजनकारी नीति अपनाई जा रही है. उन्होंने ऋषि सुनक को लेकर कहा कि ये याद रखना हमारे लिए अच्छा होगा कि ब्रिटेन ने एक जातीय अल्पसंख्यक को अपने प्रधानमंत्री के तौर पर स्वीकार कर लिया है. इसके बावजूद हम आज भी सीएए-एनआरसी और तमाम भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हुए हैं.
कांग्रेस नेताओं ने किया बहुसंख्यकवाद का जिक्र
कांग्रेस नेताओं की तरफ से भी यही सवाल किया गया कि क्या भारत में भी यूके की तरह कोई अल्पसंख्यक इतने बड़े पद तक पहुंच सकता है? कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि "अगर ये हुआ है तो हमें इस पर गौर करना चाहिए क्योंकि ब्रिटेन में हुआ ये बदलाव दुनिया में एक खास मामला है. एक अल्पसंख्यक को सर्वोच्च पद पर जगह दी गई है. जब हम भारतीय ऋषि सुनक के बोलने के अंदाज का जश्न मना रहे हैं, तब हमें ईमानदारी से पूछना चाहिए कि क्या भारत में ये मुमकिन है?
थरूर की तरह कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी यही सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि पहले कमला हैरिस और अब ऋषि सुनक... अमेरिका और यूके के लोगों ने अल्पसंख्यकों को देश के सबसे ऊंचे पदों तक पहुंचाने का काम किया. मुझे लगता है कि ये भारत और यहां की पार्टियों के लिए एक सबक है, जो बहुसंख्यकवाद को बढ़ावा देती हैं.
बीजेपी ने दिया जवाब
विपक्ष के इन सवालों के जवाब में बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद सामने आए और पलटवार किया. बीजेपी नेता ने कहा कि ऋषि सुनक के पीएम बनने के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ एक्टिव हो चुके हैं. भारत में एपीजे अब्दुल कलाम और मनमोहन सिंह जैसे नेता भी सर्वोच्च पदों पर थे. वहीं आज एक आदिवासी नेता हमारी राष्ट्रपति हैं. भारतीय मूल के नेता ब्रिटेन के पीएम बन रहे हैं, इस मौके पर हमें उनकी तारीफ करनी चाहिए, लेकिन दुखद बात ये है कि कुछ भारतीय नेता इस मौके पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं.
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