Indian Railway: माल ढुलाई बढ़ाने के लिए रेलवे पैनल ने दिया सुझाव, अगले 5 सालों में क्या-क्या कदम उठाने की जरुरत?
Railway Ministry Panel: रेलवे मंत्रालय द्वारा स्थापित पैनल ने सभी कंटेनर मालगाड़ियों के लिए ट्रांजिट गारंटी सेवा को लेकर पर सुझाव दिया है. पैनल ने कंटेनर कार्गो पर अधिक ध्यान देने का सुझाव दिया है.
Indian Railway on Container Freight: भारतीय रेलवे (Indian Railway) की कमाई का मालगाड़ी ट्रेन एक अहम स्रोत है. माल ढुलाई में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए रेलवे लगातार प्रयासरत है. रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने साल 2027 तक माल ढुआल को 3,000 मिलियन टन तक बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. जो साल 2021-22 में हासिल किए गए लक्ष्य से दोगुने से भी अधिक है. इस बीच रेल मंत्रालय से जुड़े पैनल ने माल ढुलाई के बेहतर संचालन के लिए सुझाव दिया है.
रेलवे मंत्रालय द्वारा स्थापित पैनल ने सभी कंटेनर मालगाड़ियों के लिए ट्रांजिट गारंटी सेवा को लेकर पर सुझाव दिया है. जो मूल और गंतव्य बिंदुओं के बीच एक प्रतिबद्ध औसत गति पर आधारित हैं. इसने रेलवे से कंटेनर माल ढुलाई के लिए प्रतिबद्धता से 10% तक भिन्नता की अनुमति देने की सिफारिश की है, और प्रतिबद्धता पूरी नहीं होने पर 2 फीसदी माल ढुलाई में छूट भी देने की बात कही गई है.
रेलवे पैनल का क्या है सुझाव?
टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे की ओर से बनाए गए पैनल ने कंटेनर कार्गो पर अधिक ध्यान देने का सुझाव दिया है, जिसमें पिछले कुछ सालों में लगभग 7 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर देखी गई है. "मिशन 3000 एमटी" पर 10 सदस्यीय समिति ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी कार्यों की सिफारिश करते हुए रेल मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है.
अगले 5 साल में क्या-क्या कदम उठाने की जरुरत?
रिपोर्ट के के मुताबिक मंत्रालय को अगले पांच सालों में बुनियादी ढांचे और रोलिंग स्टॉक में 8.45 लाख करोड़ रुपये के निवेश और अपने माल भाड़े को लेकर नए उत्पादों को जोड़ने सहित कई कदम उठाने की जरूरत है. रिपोर्ट में इस बात का संकत दिया गया है कि "फ्रेट एक्सप्रेस" सेवा की पेशकश करने की जरुरत है. साथ ही संपत्ति के उपयोग में सुधार, रेक के टर्नअराउंड समय और रेक की निष्क्रियता को कम करने के लिए एक रोडमैप दिया है.
2030 तक कितना है माल ढुलाई का लक्ष्य
समिति ने भारतीय रेलवे (Indian Railway) को छोटे माल की कुल मांग के लिए एक वेब-पोर्टल (Web Portal) 'स्मॉल फ्रेट एग्रीगेशन प्लेटफॉर्म' शुरू करने की सिफारिश की है. इसने डाक विभाग द्वारा प्रदान की जा रही तर्ज पर एंड-टू-एंड थर्ड पार्टी बीमा के अधिक प्रसार की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है. बता दें कि ये रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब भारतीय रेलवे ने 2030 तक माल ढुलाई (Container Freight) के 40-45% हिस्से को लगभग 27 फीसदी के मौजूदा स्तर के मुकाबले हासिल करने का लक्ष्य रखा है.
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