57 लाख मजदूरों को घर पहुंचाने का रेलवे का दावा, 1 मई से 4155 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं
भारतीय रेलवे ने 57 लाख से अधिक प्रवासी यात्रियों को उनके घर पहुंचाने का दावा किया है. रेलवे का कहना है कि इस काम को करने के लिए 1 मई से 4155 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई.
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने 57 लाख से अधिक प्रवासी यात्रियों को उनके घर पहुंचाने का दावा किया है. उसका कहना है कि इस काम के लिए 1 मई से 4155 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं. रेलवे के मुताबिक गुजरात से सबसे ज्यादा ट्रेनों को रवाना किया गया. उसके बाद महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार और उत्तर प्रदेश से ट्रेन चली.
57 लाख से ज्यादा मजदूर अपने घर पहुंचे-रेलवे
गुजरात से 1027, महाराष्ट्र से 802, पंजाब से 416, बिहार से 294 और उत्तर प्रदेश से 288 ट्रेन रवाना हुईं. इसके अलावा पांच राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों से भी ट्रेन चली. अलग-अलग राज्यों से रवाना हुई ट्रेन के गंतव्य विभिन्न राज्यों में थे. उत्तर प्रदेश में 1670 ट्रेनें, बिहार में 1482 ट्रेनें, झारखंड में 194, ओडिशा में 180 ट्रेनें और पश्चिम बंगाल में 135 ट्रेनें पहुंचीं. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि अब चल रही ट्रेनें किसी भी यातायात संबंधी भीड़भाड़ का सामना नहीं कर रही हैं.
गुजरात से सबसे ज्यादा ट्रेनों को किया रवाना
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अलावा रेलवे 15 जोड़ी राजधानी स्पेशल ट्रेनें भी चला रहा है. उसने 1 जून से टाइम टेबल वाली 200 ट्रेनें शुरू की हैं. आपको बता दें कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें राज्यों के अनुरोध पर चलाई जा रही हैं. कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के बाद मजदूर जहां तहां फंस गए थे. लॉकडाउन के काबरण दिक्कतों का सामना कर रहे मजदूरों की बेबसी सड़क पर दिखाई पड़ी थी. मानवीय संकट का ऐसा नजारा दुनिया में कहीं नहीं देखा गया. हजारों यात्री साधन ना मिलता देख पैदल या साइकिल से ही निकल गए. इस दौरान लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई या फिर भूख, प्यास, तपिश और थकान ने मार डाला.
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