(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Indian Railway: अब देश में सितंबर से 160 की स्पीड से दौड़ेंगी 23 ट्रेनें, इन रूट्स पर यात्रियों के बचेंगे कई घंटे
High Speed Train: अधिकारी ट्रेनों की स्पीड को 130 से 160 तक पहंचाने के दौरान लगातार निगरानी रखेंगे और जिन सेक्शनों में लगातार एक ही स्पीड में ट्रेनों को चलाने में समस्या आएगी, उस पर सुझाव देंगे.
Indian Railway: भारतीय रेलवे ने 23 जोड़ी ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटे तक चलाने का फैसला किया है. इसके लिए रेलवे ने ट्रेनों को नॉमिनेट भी कर दिया है. ट्रेनों की स्पीड बढने से सबसे ज्यादा दिल्ली-मुबंई के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को होगा. 23 में से 12 जोड़ी ट्रेनें आते-जाते वक्त मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से होकर गुजरेंगी. राजधानी श्रेणी की सभी 5, शताब्दी की 3, संपर्कक्रांति के अलावा पंजाबमेल, केरल और एक दुरंतो ट्रेनें ऐसी हैं जो भोपाल में हाल्ट लेकर जाती हैं.
ट्रेनों की निगरानी रखेंगे अधिकारी
पंजाब मेल जैसी ट्रेन से ही दिल्ली से मुंबई के बीच के सफर के दौरान यात्रियों का डेढ़ घंटे तक का समय बचने लगेगा. अलग-अलग डेस्टीनेशन के लिए चलने वाली इन ट्रेनों का ओवर ऑल एक से डेढ़ घंटे का समय सितंबर के दूसरे हफ्ते से बचना शुरू हो जाएगा. रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि अगस्त में इनका औपचारिक नोटिफिकेशन कर बचने वाले समय की घोषणा कर दी जाएगी. वहीं हाल ही में रेल मंत्रालय ने स्पीड फोर्स यूनिट का गठन किया है. इसमें ट्रेनों के आने-जाने वाले रूट के 5 से ज्यादा मंडलों के अधिकारी शामिल किए गए हैं. यह अधिकारी ट्रेनों की स्पीड को 130 से 160 तक पहुंचने के दौरान लगातार निगरानी रखेंगे और जिन सेक्शनों में लगातार एक ही स्पीड में ट्रेनों को चलाने में समस्या आएगी, उनके संबंध में सुझाव भी देंगे.
यात्रा समय में कमी लाना मकसद
वहीं पश्चिम-मध्य रेल जोन के प्रवक्ता राहुल जयपुरियार का कहना है कि रेलवे का पूरा फोकस ट्रेनों को हाई स्पीड पर चलाकर यात्रा समय में कमी लाना है. इसी के तहत लगातार वर्किंग चल रही है. यात्रा समय की बचत होने के बाद रेल मंत्रालय की योजना है कि डिमांड वाले रूट्स पर अभी चल रहीं ट्रेनों के समानांतर यानी आसपास के समय पर कुछ ट्रेनें चला दी जाएं. इससे उन रूट्स की वेटिंग खत्म हो सकेगी, जहां ऑफ सीजन में भी यात्रियों को बर्थ नहीं मिल पाती.
साल के अंत तक 180 की स्पीड ट्रेन
सबसे खास बात यह भी है कि रेलवे का इस साल के अंत तक ट्रेनों की स्पीड को 180 किमी प्रतिघंटे करने का लक्ष्य है. इसके तहत ही रेलवे का ट्रैक, ट्रेन और हाई स्पीड इंजनों के जरिए ट्रेनों को स्पीड से चलाने पर वर्किंग शुरू हो गया है.