Indian Railway New Authority Form: बढ़ते रेल हादसों को रोकने के लिए भारतीय रेलवे इस हफ्ते एक बड़ा बदलाव लागू करेगा. इस बदलाव का फायदा लोकोपायलटों को मिलेगा. इसके अलावा दावा किया जा रहा है कि इससे ट्रेन हादसों में भी कमी आएगी. बताया गया है कि इस बदलाव के तहत अब लोकोपायलटों को पूरे देश में एक जैसा अथॉरिटी फॉर्म दिया जाएगा. यह नई व्यवस्था कंचनजंगा ट्रेन हादसे पर आई सीआरएस रिपोर्ट के बाद की जा रही है.


रेलवे मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी के मुताबिक, रेलवे के सभी 17 जोन में इसी सप्‍ताह से लोकोपायलट को एक जैसा अथारिटी फॉर्म ही दिया जाएगा. इसके तहत लाल सिग्‍नल होने पर दिन में एक मिनट और रात में दो मिनट ट्रेन को रोकना अनिवार्य होगा. इस स्थिति में लोकोपायलट को अपने ट्रेन की स्पीड 15 किमी. प्रति घंटा रखनी होगी. इस अथॉरिटी को सभी इंजनों में दर्ज किया जाएगा, ताकि लोकोपायलट को कोई कंफ्यूजन न हो.


अभी तक लिखित अथॉरिटी फॉर्म देने की है व्यवस्था


एक्सपर्ट इस कदम को हादसों को रोकने के लिए लिहाज से अहम बता रहे हैं. दरअसल, किसी भी सेक्‍शन में सिग्‍नल खराब होने की स्थिति में वहां ट्रेनों को ऑपरेट करने के लिए लोकोपायलट को लिखित में अथॉरिटी दी जाती है, उस अथॉरिटी में तय किए गए नियमों के हिसाब से ही लोकोपायलट ट्रेन चलाता है. अभी तक सभी 17 जोन में यह अथॉरिटी अलग-अलग थी.


हादसे के बाद सीआरएस ने दिया ये सुझाव


कंचनजंगा ट्रेन हादसे की रिपोर्ट सौंपते हुए सीआरएस ने सभी जोन में अथॉरिटी फॉर्म को एक जैसा करने का सुझाव दिया था. सीआरएस ने रिपोर्ट में बताया कि कंचनजंगा ट्रेन हादसा अथॉरिटी फॉर्म को ठीक से फॉलो न कर पाने की वजह से हुआ था. इसलिए जरूरी है कि सभी को एक जैसा ही फॉर्म दिया जाए, जिससे सभी लोकोपायलट उसी हिसाब से नियमों का पालन करें. बता दें कि कंचनजंगा रेल हादसे में सेक्‍शन पर फ्यूज शार्ट होने की वजह से सिग्‍नल रेड हो गए थे. इसके बाद ट्रेन चलाने के लिए लोकोपायलट और गार्ड को अथॉरिटी दी गई थी. कंचनजंगा के लोकोपायलट ने तो अथॉरिटी का पालन किया और रेड सिग्‍नल पर ट्रेन रोक दी थी, लेकिन मालगाड़ी के लोकोपायलट ने अथॉरिटी का पालन ठीक से नहीं किया और ट्रेन चला दी, जिससे हादसा हो गया.


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