ट्रेनों की लेटलतीफी रोकने में रेलवे नाकाम, अराइवल टाइम बढ़ाकर मुसाफिरों को बनाया जा रहा है बेवकूफ
भारतीय रेल ने ट्रेनों को समय से पहुंचाने या ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के बजाय ट्रेनों के पहुंचने के समय में ही बदलाव कर दिया है.
नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से मोदी सरकार और भारतीय रेल को ट्रेनों के लेट होने के कारण लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन इस समस्या को हल करने के लिए भारतीय रेल ने एक चालाकी भरा तरीका निकाला है. ट्रेनों को समय से पहुंचाने या ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के बजाय भारतीय रेल ने ट्रेनों के पहुंचने के समय में ही बदलाव कर दिया है. इसका मतलब ये हुआ कि अगर किसी ट्रेन के पहुंचने का समय 6 बजे का है और वो ट्रेन सात बजे पहुंचती है तो भारतीय रेल ने उस ट्रेन के पहुंचने के समय में ही बदलाव करते हुए 6 बजे के बजाय 7 बजे कर दिया. ट्रेनों की देरी से चलने के कारण जनसामान्य को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से भारत की लगभग 40 प्रतिशत ट्रेने देरी से चल रही थीं. इसका मतलब ये हुआ कि सिर्फ 60 प्रतिशत ट्रेनें टाइम से चल रही थी. इसी वजह से भारतीय रेल की काफी आलोचना हो रही थी. लोग लगातार इसकी वजह से हो रही परेशानियों की शिकायत कर रहे थे. लेकिन ऐसा लगता है कि इन आलोचनाओं से बचने के लिए भारतीय रेल ने ये तरीका इजाद किया है. ट्रेनों के पहुंचने के टाइम में बदलाव करने से कोई देरी की शिकायत नहीं कर सकेगा.
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण रेलवे ने लगभग 90 ट्रेनों का 'अराइवल टाइम' यानि की पहुंचने का समय 30 मिनट से लेकर एक घंटा तक बढ़ा दिया है. इसी तरह उत्तर रेलवे ने भी 95 ट्रेनों का अराइवल टाइम आधा घंटा से लेकर एक घंटा तक बढ़ा दिया है. दक्षिण रेलवे को अपने इस फैसले के लिए रेल मंत्रालय से इजाजत मिल गई है. ट्रेनों के 'अराइवल टाइम' में बदलाव करने से उसकी औसतन स्पीड में भी बदलाव होगा.
दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आरके कुलश्रेष्ठा ने कहा, "हमने ऐसा इसलिए किया है कि कुछ ट्रेने पटरी के काम के चलते देरी से पहुंच रही थीं. अब पहुंचने के समय में बदलाव करने से यात्रियों को कोई असुविधा नहीं होगी. अगर किसी ट्रेन के पहुंचने का समय आठ बजे का है और वो रोजाना नौ बजे पहुंच रही है तो उसके पहुंचने के समय में ही बदलाव कर देना सही है." वहीं रेल मंत्रालय ने रेलवे के अलग-अलग जोन को पत्र लिखकर ये बताने को कहा कि आखिर इस बदलाव को किस तरह वे लागू करेंगे.
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से ट्रेनें लगातार लेट चल रही हैं. कुछ ट्रेनों के 30-30 घंटा लेट होने का मामला सामने आया है. हालांकि सरकार और रेलवे का ये कहना है कि चूंकि रेलवे ट्रैक का मेंटेनेंस हो रहा है इसलिए ट्रेनें देरी से चल रही हैं.