Indian Railway New Initiative: भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए एक अहम कदम उठाया है. इसके तहत अब ट्रेन के AC कोच में उपयोग होने वाली चादर और पिलो कवर की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा कंबल की धुलाई भी अब महीने में एक बार की जगह हर 15 दिनों में की जाएगी. रेलवे ने इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है.
रेल मंत्रालय ने इस फैसले को लागू करने के लिए गुवाहाटी के रेलवे लॉन्ड्री में काम शुरू कर दिया है. इस फैसले के बाद यात्रियों को अब सफाई से जुड़े मामले में बेहतर अनुभव मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. समाचार एजेंसी आईएएनएस की टीम गुरुवार (2 जनवरी 2025) को गुवाहाटी स्थित रेलवे के एक लॉन्ड्री में पहुंची, जहां कंबल- चादर धुलने का काम शुरू किया गया है.
"कंबल 80- 90 डिग्री तापमान पर धुलता है"
गुवाहाटी रेलवे के सीनियर इंजीनियर नीपन कलिता ने आईएएनएस को बताया कि कंबल की सफाई की प्रक्रिया बेहद प्रभावी और तेज है. एक कंबल को साफ करने में महज 45 मिनट का समय लगता है. कंबल को सबसे पहले चार हिस्सों में बांटकर धुला जाता है. धुलाई प्रक्रिया के दौरान कंबल को 80 से 90 डिग्री तापमान पर धोया जाता है. इसके बाद उसे ड्रायर में सुखाया जाता है. कभी-कभी धुलाई और डाईंग की प्रक्रिया में थोड़ा अतिरिक्त समय लग सकता है, लेकिन कुल मिलाकर कंबल की धुलाई 50 से 55 मिनट में पूरी हो जाती है.
"कंबल की धुलाई में 23.59 रुपये का खर्च"
गुवाहाटी कोचिंग डिपो के मैनेजर सुदर्शन भारद्वाज ने बताया कि चादरों की सफाई प्रतिदिन की जाती है. इसमें लगभग 45 से 60 मिनट का समय लगता है. बेडशीट को मशीन में डाला जाता है और फिर उसे वॉश, ड्राई और स्टीम आयरन के जरिए पूरी तरह से साफ किया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 45 से 60 मिनट का वक्त लगता है. उन्होंने कहा कि एक कंबल (973 ग्राम वजन) की धुलाई में करीब 23.59 रुपये का खर्च आता है, जिसमें जीएसटी भी शामिल होता है. इसी तरह एक बेड रोल को पूरी तरह से साफ करने में भी लगभग 23.58 रुपये का खर्च आता है. इस रेलवे लॉन्ड्री में काम करने वाली कर्मचारियों में से 60 फीसदी महिलाएं हैं, जो प्रधानमंत्री द्वारा समर्थित महिला सशक्तिकरण पहल के तहत अपनी भूमिका निभा रही हैं. यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है.
"यात्रियों की बढ़ती शिकायतों के बाद फैसला"
आपको बता दें कि रेलवे की ओर से यह फैसला यात्रियों की लगातार बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर लिया गया है. यात्रियों की अक्सर शिकायत होती थी कि कंबल अक्सर गंदे होते हैं और उनकी धुलाई ठीक से नहीं होती है.