नई दिल्ली: ठंड के दिनों में अगर ट्रेन देरी से चल रही है तो अक्सर रेलवे अधिकारी कोहरे को इसका जिम्मेदार मानते हैं. लेकिन अगर गर्मी के दिनों में भी ट्रेन लेट होने लगी तो आप क्या करेंगे? कुछ ऐसा ही नजारा आजकल यात्रियों को गर्मी के दिनों में देखने को मिल रहा है जहां कुछ ट्रेनें 24 से 28 घंटे की देरी से चल रही हैं. वित्तीय वर्ष 2017-18 पिछले वर्षों की तुलना में सबसे खराब रहा, जहां करीब 30 प्रतिशत ट्रेनें अपने तय समय से देरी से चल रही हैं.


क्या कहते हैं आंकड़े


रेलवे के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017-18 में 71.39% मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें समय पर खुलीं, जबकि इससे पहले 2016-17 वित्तीय वर्ष में ये आंकड़ा 76.69% था. यानी सिर्फ दो सालों के अंदर भारतीय रेल की लेट ट्रेनों की संख्या 5.3% बढ़ी है. अधिकारियों का कहना है कि इसकी वजह रेलवे के निर्माण कार्य हैं.


अधिकारियों का जवाब


अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय रेलवे के लगातार तेजी से निर्माण और रखरखाव कार्यों को अंजाम दे रहा है, इसलिए ट्रेनों के प्रदर्शन और समय की पाबंदी में देरी आई है. अधिकारियों ने बताया कि 2016-17 में रेलवे ने 2687 अलग-अलग लोकेशन्स के 15 लाख मेंटेनेंस ब्लॉक्स पर काम करना शुरू किया था जिसके चलते ट्रेनों का लेट होना शुरू हुआ था. तो वहीं इस साल रेलवे 4426 लोकेशन्स के 18 लाख ब्लॉक्स पर काम कर रहा है जिससे ट्रेनें लेट चल रही हैं.


रेल मंत्रालय ( मीडिया एवं संचार ) के निदेशक राजेश दत्त बाजपेयी ने कहा , ‘‘ हम सुरक्षा से समझौता किए बिना और पटरियों का उन्नयन कर ट्रेनों के परिचालन में सुधार लाने का प्रयास कर रहे हैं. ’’