India Railway Women Driver: महिला ट्रेन चालकों ने ड्यूटी के दौरान वॉशरूम ब्रेक का अनुरोध करने के लिए वॉकी-टॉकी का उपयोग करने को असुरक्षित बताया है. एक महिला लोको पायलट ने कहा कि ऐसा करने पर काफी असहज महसूस होता है.
एक महिला लोको पायलट ने कहा, ''यदि हमें शौचालय जाने के लिए अनुरोध करना होता है तो हमें पुरुष लोको पायलट को बताना होगा, जो स्टेशन मास्टर को सूचित करता है, फिर स्टेशन मास्टर इसे आगे नियंत्रण विभाग को बताता है, जो रेलगाड़ियों के संचालन का प्रबंधन करता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी बातचीत रेंज के दर्जनों अन्य अधिकारियों तक भी वॉकी-टॉकी के माध्यम से पहुंचती है. स्टेशन पर हर जगह यह संदेश प्रसारित हो जाता है कि एक महिला लोको पायलट शौचालय जाना चाहती है.’’
महिला ड्राइवरों ने क्या कहा?
महिला चालकों ने कहा कि अनौपचारिक रूप से अपनाई गई यह मौजूदा प्रथा शर्मनाक है और उनकी सुरक्षा से समझौता करने के समान है. उनके अनुसार, भारतीय रेलवे में कार्यरत 1700 से अधिक महिला ट्रेन चालकों में से 90 प्रतिशत सहायक लोको पायलट हैं, जो यात्री रेल या मालगाड़ियों के पुरुष लोको पायलट के सहायक के रूप में काम करती हैं.
क्या दावा किया?
एक अन्य महिला लोको पायलट ने बताया, ‘‘एक बार जब मैं एक मालगाड़ी पर पुरुष चालक के साथ ड्यूटी पर थी तो मुझे इस कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा. एक यात्री ट्रेन में कोई चालक किसी भी डिब्बे में शौचालय जा सकता है, लेकिन मालगाड़ी के मामले में आपको स्टेशन पर उतरना होगा. ’’
उन्होंने दावा किया कि उस समय जब वह इंजन से बाहर निकलीं और स्टेशन पर आईं तो कुछ अधिकारी, जो वॉकी-टॉकी संदेशों के माध्यम से पहले से इस अनुरोध के बारे में जानते थे, उन्हें देख रहे थे और उन्हें बहुत असहज महसूस हुआ.
कई महिला लोको पायलट ने कहा कि छोटे स्टेशनों के शौचालयों का उपयोग करने के लिए इंजन से बाहर निकलना भी उनके लिए असुरक्षित है, जो आमतौर पर सुनसान इलाकों में स्थित होते हैं.
कई महिलाएं हुईं बेहोश
‘नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन’ (एनएफआईआर) के सहायक महासचिव अशोक शर्मा ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों नई लड़कियां ट्रेन चालक के पेशे में आई हैं और चूंकि वे इन चुनौतियों से अनजान थीं, इसलिए अब वे तनाव में हैं.’’
शर्मा ने कहा, ‘‘उनमें से कई लोग अपनी ड्यूटी शुरू होने से पहले पानी पीने से बचती हैं और यहां तक कि ड्यूटी के दौरान भी वे किसी भी तरल पदार्थ का सेवन करने से परहेज करती हैं. इससे निर्जलीकरण की समस्या होती है और उनमें जीवनशैली से जुड़ी कई अन्य बीमारियां हो जाती हैं. ऐसे में महिला लोको पायलट की स्थिति बेहद दयनीय है. ’’
कई महिला लोको पायलट ने कहा कि इस बार गर्मी शुरू होने के बाद से कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें महिला गार्ड और चालक ड्यूटी के घंटों के दौरान बेहोश हो गईं, क्योंकि तापमान अधिक होने के बावजूद वे बिना पानी पीये ड्यूटी करती रहीं.
ये भी पढ़ें- Indian Railway: अयोध्या, हरिद्वार, कटरा...'भारत गौरव' ट्रेन 18 मई से होगी शुरू, जानें कितना है किराया