Indian Railways: फ्लाइट ही नहीं, अब ट्रेन से भी जा सकेंगे बांग्लादेश! भारत के इस हिस्से में बना रेलवे लिंक ब्रिज
Agartala Akhaura Railway Link: दक्षिण त्रिपुरा के सबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ से जोड़ने वाले फेनी नदी पर बने मैत्री सेतु का उद्घाटन नौ मार्च 2021 को संयुक्त रूप से किया गया था.
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Maitri Setu: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. डॉ. माणिक साहा ने घोषणा की कि मैत्री सेतु और अगरतला-अखौरा रेलवे लिंक जल्द ही चालू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार राज्य में अमन-चैन कायम रखने के लिए काम कर रही है, जिससे कई निवेशक आकर्षित हो रहे हैं.
सीएम साहा ने कहा, “चुनाव लगभग खत्म हो चुका है और पीएम मोदी के नेतृत्व में अब नई सरकार बनेगी. उन्होंने हमेशा एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर जोर दिया है और हीरा मॉडल दिया. मैत्री सेतु स्वाभाविक रूप से जल्द ही चालू हो जाएगा. अगरतला-अकाहुरा रेलवे लिंक का ट्रायल पहले ही पूरा हो चुका है और यह जल्द ही शुरू भी हो जाएगा. बहुत सारे निवेशक आ रहे हैं और कल मैंने भी एक बैठक की थी. त्रिपुरा का भविष्य उज्ज्वल है. रेल संपर्क स्थापित होने के बाद हम कम समय में कोलकाता पहुंच सकेंगे.”
क्या है मैत्री सेतु?
टीजीआर मैत्री सेतु त्रिपुरा के दक्षिण जिले के सबरूम में फेनी नदी पर बनाया गया है, जो राज्य को बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह तक जोड़ेगा. इस उद्घाटन के साथ, त्रिपुरा बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह तक पहुंच के साथ 'उत्तर पूर्व का प्रवेश द्वार' बनने के लिए तैयार है, जो सबरूम से सिर्फ 80 किलोमीटर दूर है.
अगरतला-अखौरा रेलवे प्रोजेक्ट क्या है?
अगरतला-अखौरा रेलवे परियोजना उत्तर पूर्वी राज्यों और बांग्लादेश के बीच पहली रेलवे परियोजना है. अगरतला-अखौरा रेलवे लिंक राष्ट्रीय महत्व वाली परियोजना है. इसके भारतीय हिस्से का निर्माण रेल मंत्रालय की ओर से मेसर्स इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (आईआरसीओएन) के जरिए किया जाता है और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) से वित्त पोषित किया जाता है.
बांग्लादेश के हिस्से का निर्माण बांग्लादेश रेलवे की ओर से कार्यान्वित किया जाता है और भारतीय विदेश मंत्रालय इसे वित्त पोषित करता है. यह लिंक भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करेगा. परियोजना की लंबाई भारत में 5.46 किमी और बांग्लादेश में 6.78 किमी है. भारतीय और बांग्लादेश दोनों हिस्सों के लिए परियोजना की कुल लागत 972.52 करोड़ रुपये है.
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