पिछले साल कोरोना महामारी फैलने से रोकथाम के लिए मार्च के महीने में देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया गया था. इस दौरान लोगों को अपने घरों में ही रहने को कहा गया था और बस से लेकर ट्रेन और फ्लाइट्स तक सभी यातायात के साधनों पर रोक लगा दी गई थी. ऐसे में जिन लोगों ने लॉकडाउन के दौरान रेलवे के टिकट बुक कराए थे, उन टिकट को रद्द करने की अवधि रेलवे विभाग की तरफ से छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने कर दी गई है.


भारतीय रेलवे ने गुरुवार को कहा कि यह फैसला किया है कि पिछले साल टिकट रिजर्वेशन काउंटर से 21 मार्च से लेकर 31 जुलाई तक बुक किए गए ट्रेन टिकट को रद्द करने की अवधि 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने कर दी गई है.


गौरतलब है कि इससे पहले रेलवे ने उन खबरों को खारिज कर दिया था जिसमें यह रिपोर्ट्स सामने आई थी कि रेलवे की तरफ से पैसेंजर ट्रेनों का किराया बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. रेलवे ने कहा था कि ऐसी खबरों को सर्कुलेट ना करें जिसमें यह कयासबाजी हो कि यात्री किराया बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. रेलवे ने उन रिपोर्ट्स का आधारहीन करार दिया था.


मंगलवार को भारतीय रेलवे ने कहा- "मीडिया के एक वर्ग में यह खबर दी गई है कि यात्री किराया में कुछ बढ़ोत्तरी की संभावना है. यह खबर निराधार और तथ्यहीन है. किराया बढ़ोत्तरी का ऐसा कोई मामला विचाराधीन नहीं है." भारतीय रेलवे ने आगे कहा- मीडिया को यह सलाह दी जाती है कि वे ऐसी खबर को प्रकाशित या उसे सर्कुलेट ना करें.


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