Explained: कोयले की किल्लत और बिजली संकट... मई में पावर कट से बचने के लिए भारतीय रेलवे की क्या है योजना?
Electricity Crisis: पावर प्लांट्स की मांग को पूरा करने के लिए रेलवे रोजाना औसतन 28,470 वैगन को कोयला ढोने के लिए इस्तेमाल कर रहा है. एक कोयला ट्रेन में आमतौर पर 84 वैगन तक होते हैं.
![Explained: कोयले की किल्लत और बिजली संकट... मई में पावर कट से बचने के लिए भारतीय रेलवे की क्या है योजना? Indian Railways deployed many open wagons to transport coal to power plants and frequency of passengers trains cut Explained: कोयले की किल्लत और बिजली संकट... मई में पावर कट से बचने के लिए भारतीय रेलवे की क्या है योजना?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/04/13/c603ccfbe9b13cc11adfedc69a5b3a75_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Indian Railways on Coal Crisis: देश में कोयले की कमी के चलते अब और बिजली संकट (Power Crisis) न हो, इसके लिए भारतीय रेलवे ने बड़ा प्लान तैयार कर लिया है. भारतीय रेलवे (Indian Railways) की ओर से कई बड़े फैसले लिए गए हैं. जिससे मई महीने में पावर कट न हो. देश के कई हिस्सों में गर्मी लगातार रिकॉर्ड तोड़ रही है और बिजली की मांग को बढ़ा रही है. कई इलाकों में लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. आशंका है कि मई महीने में अभी बिजली संकट और बड़ा होगा.
लिहाजा बिजली घरों में कोयले की कमी (Coal Crisis) न हो इसके लिए रेलवे पूरी तरह कमर कस चुका है. कोयले की आपूर्ति पूरी करने के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है. ट्रैक पर ट्रैफिक कम हो इसके लिए यात्री ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है.
पावर कट से बचने के लिए रेलवे की क्या है योजना?
यात्री गाड़ियों के फेरे में कटौती के साथ साथ मालगाड़ी की संख्या बढ़ाई जा रही है. देश में बिजली संकट का मुकाबला करने के लिए रेलवे ने देश के अलग-अलग बिजली संयंत्रों में कोयले के परिवहन के लिए 86 फीसदी तक ओपन बैगन को तैनात किया है. अपने बेड़े में 1,31,403 बॉक्सएन (BOXN) या ओपन बैगन में से रेलवे कोयला और बिजली मंत्रालयों के परामर्श से राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर द्वारा तैयार की गई योजना के तहत कोयला परिवहन के लिए 1,13,880 ओपन बैगन का इस्तेमाल कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक कोयला ले जाने के लिए रेलवे बोगियों की मरम्मत देरी से करा रहा है. जिन्हें पहले 7,500 किलोमीटर चलने के बाद मरम्मत के लिए भेजा जाता था उनकी 10 हजार किलोमीटर के बाद मरम्मत कराई जा रही है.
भारतीय रेलवे के पास कितने बैगन?
आंकड़ों से पता चलता है कि रेलवे के पास करीब 3,82,562 वैगन हैं, जिनमें से 1,31,403 ओपन वैगन हैं. 3,636 ऐसे बैगन हैं जिन्हें 2 मई तक मरम्मत की जरुरत है. पावर प्लांट्स की मांग को पूरा करने के लिए रेलवे रोजाना औसतन 28,470 वैगन को कोयला ढोने के लिए इस्तेमाल कर रहा है. एक कोयला ट्रेन में आमतौर पर 84 वैगन तक होते हैं. रेलवे ने परिवहन में तेजी लाने के लिए झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 122 जगहों पर 3 से 5 ट्रेनों को एक साथ चलाने के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों का उपयोग करने का एक बेहतर तरीका इस्तेमाल किया है.
कोयले की आपूर्ति बाधित न हो इसके लिए यात्री ट्रेनों के फेरों की संख्या कम की जा रही है.
यात्रा ट्रेनों के फेरे में कटौती
- 24 मई तक करीब 1100 फेरे रद्द रहेंगे
- मेल एक्सप्रेस के 500 फेरे रद्द
- पैसेंजर ट्रेनों के 580 फेरे रद्द
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