कल से देश में शुरू होगी पहली ‘किसान रेल’, कम समय में बाजार पहुंचेंगे फल और सब्जी
किसान रेल में फ़्रोज़ेन कंटेनर होंगे जिनमें पेरिशेबल उत्पाद बाज़ार तक भेजे जाएंगे. इससे जल्दी ख़राब होने वाले कृषि उत्पादों सब्ज़ी, फल और दूध, मीट, मछली आदि को कम समय में बाज़ार तक पहुंचाया जा सकेगा.
नई दिल्ली: फल और सब्जियों के ढोने के लिए भारतीय रेल सात अगस्त को अपनी पहली ‘किसान रेल’ सेवा शुरू करने जा रही है. रेलवे ने गुरुवार को कहा कि ऐसी पहली रेलगाड़ी महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच चलेगी. रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक वीडियो लिंक के माध्यम से किसान रेल को हरी झंडी दिखाएंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में पेश बजट में जल्दी खराब होने वाले फल और सब्जियों जैसे उत्पादों के मालवहन के लिए ‘किसान रेल’ चलाने की घोषणा की थी. इस सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) योजना के तहत शीत भंडारण के साथ किसान उपज के परिवहन की व्यवस्था होगी.
रेल मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘इस साल के बजट में जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों के लिये बेहतर आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के वास्ते ‘‘किसान रेल’’ चलाने की घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए रेल मंत्रालय इस प्रकार की पहली किसान रेल सात अगस्त को दिन में 11 बजे देवलाली से दानापुर के लिए चला रहा है. यह रेल साप्ताहिक आधार पर चलेगी.’’
बयान में कहा गया है कि यह रेलगाड़ी 1,519 किलोमीटर का सफर करते हुए अगले दिन करीब 32 घंटे बाद शाम पौने सात बजे दानापुर (बिहार) पहुंचेगी. मध्य रेलवे का भुसावल डिवीजन प्राथमिक तौर पर कृषि आधारित डिवीजन है और नासिक और इसके आसपास के इलाकों में बड़ी मात्रा में ताजी सब्जियों, फलों, फूल, प्याज और दूसरे कृषि उत्पादों का उत्पादन होता है. इन उत्पादों को यदि ठीक से रखरखाव नहीं हो तो ये जल्दी खराब हो जाते हैं.
ये कृषि उत्पाद नासिक के इन इलाकों से बिहार में पटना, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, मध्य प्रदेश के कटनी, सतना और अन्य क्षेत्रों को भेजे जाते हैं. किसान रेल इन उत्पादों को गंतव्य तक पहुंचाने का काम करेगी. यह रेल नासिक रोड़, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मणिकपुर, प्रयागराज छेओकी, पं दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में रुकेगी.
एसी की सुविधा के साथ फल और सब्जियों को लाने ले जाने की सुविधा का प्रस्ताव पहली बार 2009-10 के बजट में उस समय रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने किया था, लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो सकी.