Indian Railways News: रेलवे कम दूरी वाली कुछ वंदे भारत ट्रेनों में सीटें खाली रहने की स्थिति को देखते हुए किराए की समीक्षा कर रहा है. सूत्रों ने बुधवार (5जुलाई) को यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, छोटी दूरी वाली कुछ वंदे भारत ट्रेनों में सीटें पूरी तरह भर नहीं पा रही हैं. ऐसी स्थिति में रेलवे उनके किराए की समीक्षा कर उसे आकर्षक बनाने की योजना बना रहा है.
इंदौर-भोपाल, भोपाल-जबलपुर और नागपुर-बिलासपुर जैसी वंदे भारत ट्रेनों के किराए की समीक्षा की जा रही है. इन ट्रेनों में सीटें काफी हद तक खाली चल रही हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई को मिले जून तक के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भोपाल-इंदौर वंदे भारत ट्रेन में केवल 29 प्रतिशत सीटें भरी हुई थीं जबकि इंदौर-भोपाल ट्रेन में 21 प्रतिशत सीट आरक्षित थीं.
किराया घटाना हो सकता है अच्छा विकल्प
इन वंदे भारत ट्रेनों में करीब तीन घंटे का सफर तय करने के लिए एसी चेयर कार का किराया 950 रुपये है जबकि एक्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 1525 रुपये रखा गया है. सूत्रों ने कहा कि इस ट्रेन के किराए की रेलवे समीक्षा कर सकता है.
देश की सबसे आधुनिक और तेज रफ्तार वाली वंदेभारत ट्रेनों का सबसे लंबा सफर करीब 10 घंटे का है जबकि सबसे छोटा सफर तीन घंटे का है.
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इसके पीछे सोच ये है कि सभी वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों को सुविधाजनक सफर का मौका मिले. हमने हालात की समीक्षा की है और हमारी राय है कि कुछ वंदे भारत ट्रेन, खासकर कम दूरी वाली के किराए को अगर घटा दिया जाता है तो वह ज्यादा अच्छा कर पाएंगी. हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग इन ट्रेनों में सफर करें.'
इन ट्रनों का प्रदर्शन सबसे अच्छा
वंदे भारत की कुछ ट्रेनों में सीटों के खाली रहने की समस्या दूर करने के लिए किराए की समीक्षा की जा रही है. हालांकि वंदेभारत ट्रेनों में सीटें लगभग भरी होती हैं लेकिन कुछ ट्रेनों में ऐसी स्थिति नहीं है. रेलवे उन्हें भी सफल बनाने के लिए जरूरी बदलाव करने जा रहा है. अभी तक देश के 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन हो रहा है.
इनमें से कासरगोड-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस में 183 प्रतिशत बुकिंग रहती है और ये सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली वंदेभारत ट्रेन है. गांधीनगर-मुंबई सेंट्रल, वाराणसी-नई दिल्ली, देहरादून-अमृतसर और मुंबई-शोलापुर के बीच चलने वाली वंदेभारत ट्रेनों में भी 100 प्रतिशत से अधिक बुकिंग रहती है.
ये भी पढ़ें- UCC Issue: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लॉ कमीशन को दिया जवाब, 'इस्लामिक कानूनों से बंधे हैं'