Indian Railways: भारतीय रेल 20 महीने के बाद एक बार फिर सामान्य हो गई है. रेलवे ने ट्रेनों को लेकर कोविड-19 के समय में उठाए गए कदम को वापस ले लिया है. रेलवे ने ट्रेनों से स्पेशल का दर्जा भी हटा दिया है. अब ट्रेनें कोविड-19 से पहले की तरह सामान्य होंगी. इसके अलावा किराया भी पहले की तरह होगा.


बता दें कि कोविड प्रोटोकॉल में रेलवे ने ट्रेनों को स्पेशल कैटेगरी में चलाने की शुरुआत की थी. इसका मकसद ट्रेनों में भीड़ को कंट्रोल में रखना था. स्पेशल कैटेगरी ट्रेनों का किराया सामान्य ट्रेनों के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्यादा होता है. ट्रेनों में अब 0 भी नहीं लगेगा. वे पुराने नंबर से ही चलेंगी. इसके अलावा किराया भी पहले की तरह होगा.


सेकेंड क्लास में कोविड के चलते आरक्षण होगा जरूरी 


सेकेंड क्लास में कोविड के चलते आरक्षण अब भी जरूरी होगा. हालांकि रेलवे का कहना है कि मुसाफिरों के लिए सावधानी अब भी जरूरी है. फिलहाल 95 फीसदी मेल एक्सप्रेस ट्रेनें पटरी पर लौट चुकी हैं. लेकिन इनमें से करीब 25 फीसदी ट्रेनें अभी भी स्पेशल कैटेगरी में चल रही हैं और इन ट्रेनों में 30 फीसदी ज्यादा किराया लागू है.


इसके अलावा पैसेंजर ट्रेनों में भी करीब 70 फीसदी ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा दिया गया है, जिससे उनके लिए भी मुसाफिरों को ज्यादा किराया चुकाना पड़ता है. रेलवे में कोविड के पहले करीब 1700 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलती थीं. इनमें से ज्यादातर ट्रेनों को फिर से शुरू कर दिया गया है. वहीं करीब 3500 पैसेंजर ट्रेनें कोविड के पहले चला करती थीं, लेकिन इनमें से करीब 1000 ही फिलहाल चलाई जा रही हैं. जबकि हर जोन के सभी सबअर्बन ट्रेनों को शुरू किया जा चुका है. 


बेड रोल और ताजा खाना फिर से दिए जाने का आदेश नहीं हुआ


रेलवे ने कोविड की वजह से उठाए गए कदम वापस ले लिए हैं. लेकिन रेलवे ने अपने ताज़ा आदेश में अभी ट्रेनों में कम्बल, चादर और तकिया यानी बेड रोल की वापसी की बात नहीं की है. रेलवे ने ट्रेनों में ताज़ा पका खाना फिर से देने की बात भी नहीं कही है. 


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