Indian Railways: केरल सरकार ने कथित तौर पर पलक्कड़ रेलवे डिवीजन को बंद करने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था. जिस पर भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने दक्षिणी रेलवे के पलक्कड़ डिवीजन को कथित तौर पर बंद करने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. उनका कहना है कि ये खबरें "पूरी तरह से निराधार" थीं और पलक्कड़ डिवीजन को बंद करने की कोई योजना नहीं थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ डिवीजन ने अगले दिन एक बयान जारी कर इन रिपोर्टों का खंडन किया, जिसमें केरल सरकार की ओर से ये अफवाह फैलाई गई थी कि केंद्र सरकार पलक्कड़ रेलवे डिवीजन को बंद कर दक्षिण के राज्यों से सौतेला व्यवहार कर रही है.
'पलक्कड़ डिवीजन को बंद करने की कोई योजना नहीं'- रेल प्रबंधक
दरअसल, मंडल रेल प्रबंधक अरुण कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि समाचार रिपोर्ट "पूरी तरह से निराधार" थीं और पलक्कड़ डिवीजन को बंद करने की कोई योजना नहीं थी. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में किए गए दावे पूरी तरह से निराधार हैं और इससे जनता में अनावश्यक भ्रम पैदा हुआ है. इस दौरान रेलवे ने गलत सूचना के प्रसार पर चिंता व्यक्त की. इसके अलावा, उन्होंने अपनी रिपोर्ट्स से जनता के बीच अनावश्यक भ्रम और चिंता पैदा करने के लिए मीडिया की आलोचना की.
भारतीय रेलने की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह हमारे ध्यान में आया है कि ये रिपोर्ट्स पूरी तरह से काल्पनिक हैं और किसी भी तथ्यात्मक आधार से रहित हैं.
केरल रेल मंत्री ने केंद्र सरकार को लिखा था पत्र
बता दें कि, हाल ही में केरल के रेल मंत्री वी अब्दुरहीमन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अपना फैसला वापस लेने की मांग की थी. जिसमें उन्होंने लिखा था कि पलक्कड़ डिवीजन यात्रियों की संख्या और राजस्व के मामले में काफी आगे है. ऐसे में इसे बंद करने का फैसला राज्य के खिलाफ एक गलत कदम होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि रेल विकास के मामले में केरल की लगातार अनदेखी की जा रही है.
केंद्र सरकार पर दक्षिण के राज्यों पर उपेक्षा का लगाया था आरोप
केरल के रेल मंत्री ने कहा कि पिछली यूपीए सरकार में पलक्कड़ डिवीजन को अलग करके सलेम डिवीजन बनाया गया था. इस तरह पलक्कड़ डिवीजन को कमजोर किया गया. इस दौरान मंत्री ने दावा किया कि पलक्कड़ डिवीजन को मंगलुरु डिवीजन का हिस्सा बनाने की भी कोशिश की गई, लेकिन प्रदेश सरकार के विरोध के चलते केंद्र सरकार पीछे हट गई. उन्होंने केंद्र पर राज्य में रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण करने और नई ट्रेनों के आवंटन में भी उपेक्षा करने का आरोप लगाया.
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