One Station One Product Policy: देश में रेल यात्रा के दौरान अब आपको रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में फेरीवाले दिखाई देंगे. जिनसे आप वहां के स्थानीय उप्ताद खरीद सकेंगे. काफी वर्षों बाद रेलवे स्टेशन और ट्रेनें फेरीवालों से गुलजार होती दिखाई देंगी. क्योंकि भारतीय रेलवे ने स्थानीय स्थानीय कारोबार को बढ़ावा देने के मकसद से एक स्टेशन एक उत्पाद नीति तैयार की है. जिसके तहत भारतीय रेलवे अब फेरीवालों को ट्रेन में अपना सामान बेचने की अनुमति देगा. इतना ही नहीं, फेरीवालों को रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में अपना माल बेचने के लिए सजावटी गाड़ियां और गुमटियां भी उपलब्ध कराई जाएंगी. इस साल केंद्रीय बजट में घोषित एक स्टेशन एक उत्पाद नीति के तहत रेलवे का लक्ष्य प्रत्येक स्टेशन पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है.


पंजीकरण के अभाव में फेरीवालों की घट गई थी संख्या


रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में पहले फेरीवालों की भीड़ मिला करती थी. जो स्थानीय उत्पाद बेचते थे. इनमें ज्यादातर खाने-पीने का सामान होता था. यह फेरीवाले पंजीकृत नहीं थे. इसीलिए सुरक्षा और स्वच्छता दोनों चिंताएं लगी रहती थीं. रेलवे ने इन्हें हटाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया. जिससे ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर फेरीवालों की संख्या काफी घट गई थी. हालांकि, अब पेश की जाने वाली चीजों में खाद्य उत्पादों से लेकर हस्तशिल्प और घरेलू सामान से लेकर सजावटी सामान तक शामिल होंगे. यह सब रेलवे की अनुमति से बेचा जाएगा.


15 दिन के लिए मिलेगी जगह, 1500 रुपये का करना होगा भुगतान


वर्तमान में केवल आईआरसीटीसी-अनुमोदित विक्रेताओं को ही स्टेशन और ट्रेन में सामान बेचने की अनुमति दी जाती है. स्टेशन पर स्थानीय सामान बेचने वाले फेरीवालों को अब ट्रेन में चढ़ने और यात्रियों को अपना सामान देने के लिए अगले स्टेशन तक यात्रा करने की भी अनुमति दी जाएगी. रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक विक्रेता को 1,500 रुपये का शुल्क देना होगा. हालांकि, वह केवल 15 दिन के लिए अपना माल बेच सकेंगे. उसके बाद वह स्थान किसी दूसरे फेरीवाले को दे दिया जाएगा.


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