नई दिल्ली: एक तरफ जहां भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद गहराता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ चीन के साथ भी सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है. अभी तक जहां आतंक को पनाह देने वाले पाकिस्तान से ही भारत की तनातनी थी. वहीं अब पाकिस्तान के साथ-साथ नेपाल और चीन के साथ भी हालात तनावपूर्ण हैं. बीते मंगलवार को खबर आई कि गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए.


सोमवार रात हुई थी भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में सोमवार 15 जून को हिसंक झड़प हुई थी. मंगलवार को खबर आई कि चीन के साथ हिसंक झड़प में एक कर्नल समेत भारत के कुल तीन जवान शहीद हो गए. लेकिन रात होते-होते सेना ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि चीन के साथ झड़प में भारत के कुल 20 जवान शहीद हुए हैं. वहीं नेपाल के भी 43 जवानों के हताहत होने की खबर सामने आई.


भारत और नेपाल के बीच भी चल रहा है तनाव


पिछले हफ्ते बिहार से लगी सीमा से भारत और नेपाल के बीच तनाव की खबर सामने आई थी. दरअसल, बिहार के सोनबरसा बॉर्डर में भारत और नेपाल सीमा पर नेपाल पुलिस की ओर से फायरिंग की गई थी. इस फायरिंग में चार भारतीय को गोली लगी थी, जिसमें एक शख्स की मौत भी हो गई थी. इस घटना के बाद से ही भारत-नेपाल सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, ये मामला सीमा विवाद का नहीं था, लेकिन सीमावर्ती इलाके में लोग डरे हुए हैं.


इस कारण नेपाल के साथ हुआ था तनाव


गौरतलब है कि नेपाल ने भारत द्वारा उत्तराखंड के अपने क्षेत्र में किए गए निर्माण कार्य पर आपत्ति दर्ज की थी. इसके बाद नेपाल ने अपनी संसद में एक नया नक्शा जारी किया, जिसमें भारत के लगभग 394 वर्ग किमी के भूभाग को अपना हिस्सा बताया. हालांकि, भारत ने नेपाल के इस नए नक्शे को उसी वक्त खारिज कर दिया था.


गलत वक्त पर हुआ चीन के साथ विवाद


कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि गलवान घाटी में चीन के साथ सीमा विवाद गलत वक्त पर हुआ है. इस घटना के बाद अब नेपाल जैसा छोटा सा देश भी भारत को आंख दिखा सकता है. हालांकि, नेपाल कभी नहीं चाहेगा कि उसका भारत के साथ उसके रिश्ते खराब हो, क्योंकि वो जानता है कि अगर ऐसे हालात पैदा होते हैं उसके लिए मुश्किल हालात पैदा होंगे.