Rahul Gandhi Waynad Visit: वायनाड में अप्रैल में हुए राहुल गांधी के रोडशो के दौरान कांग्रेस और उसकी सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के झंडे नहीं दिखे थे लेकिन बुधवार को यहां एडवन्ना में उनके रोड शो के दौरान दोनों दलों के झंडे दिखे. राहुल गांधी ने तीन अप्रैल को वायनाड में अपना नामांकन दाखिल करने के दौरान रोडशो किया था जो 2019 के रोडशो से अलग था, जब भीड़ में सहयोगी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के हरे झंडों की संख्या कांग्रेस के झंडों से अधिक थी.


राहुल गांधी ने बुधवार को एडवन्ना में अचानक रोड शो किया और इस दौरान इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के हरे झंडों के साथ ही कांग्रेस और उसकी छात्र इकाई केएसयू के झंडे भी बड़ी संख्या में दिखे. राहुल गांधी का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक और आम लोग मौजूद थे. वायनाड लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने के बाद राहुल गांधी राज्य के पहले दौरे पर आए थे.


अमित शाह ने मुस्लिम लीग के झंडों को लेकर राहुल गांधी को घेरा था


इस साल अप्रैल में एक कांग्रेस सूत्र ने कहा था कि वर्ष 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने केरल से चुनाव लड़ने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की थी और कहा था कि राहुल गांधी के निर्वाचन क्षेत्र में एक जुलूस के दौरान यह पता लगाना मुश्किल था कि यह भारत है या पाकिस्तान. शाह ने कांग्रेस नेता के रोड शो के दौरान इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के झंडे के संदर्भ में यह टिप्प्णी की थी.


केरल में भारतीय जनता पार्टी और सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अप्रैल के रोड शो में झंडों की अनुपस्थिति को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. माकपा ने आरोप लगाया था कि झंडों का इस्तेमाल नहीं किया गया क्योंकि कांग्रेस भाजपा से डरती है. वहीं भाजपा ने दावा किया राहुल गांधी को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को लेकर शर्म आती है. कांग्रेस ने हालांकि पलटवार करते हुए कहा था कि माकपा और भाजपा घनिष्ठ मित्र बन गए हैं और उसे चुनाव अभियान चलाने के लिए किसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है.


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