(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Wrestlers Protest: प्रदर्शनकारी पहलवानों ने खेल मंत्री संग देर रात तक की बैठक, रखी WFI को फौरन भंग करने की मांग
विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट समेत कई पहलवान WFI अध्यक्ष के खिलाफ धरना दे रहे हैं. सरकार चाहती है कि पहलवान अपना विरोध खत्म करें लेकिन खिलाड़ी इस बात पर अड़े हैं कि पहले WFI को भंग किया जाए.
Anurag Thakur Meets Wrestlers: प्रदर्शनकारी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को तुरंत प्रभाव से भंग किए जाने की मांग की है. इन पहलवानों ने यह मांग खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के सामने गुरुवार देर रात तक चली बैठक में रखी. ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक, विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट समेत कई भारतीय पहलवान डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण और धमकी देने का आरोप लगाते हुए पिछले दो दिनों से यहां जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं.
गुरुवार रात विनेश, बजरंग, साक्षी, अंशु मलिक, रवि दहिया, सरिता मोर समेत प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अनुराग ठाकुर से उनके आवास पर मुलाकात की और त्वरित कार्रवाई की मांग की. दोनों पक्षों के बीच बैठक देर रात तक चली, जिसमें कोई ठोस समाधान नहीं निकला.
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने रखी ये मांग
सूत्रों के मुताबिक, सरकार चाहती है कि पहलवान अपना विरोध खत्म करें लेकिन खिलाड़ी इस बात पर अड़े हैं कि पहले डब्ल्यूएफआई को भंग किया जाए. पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने बताया है कि सरकार अन्य मुद्दों को बाद में सुलझा सकती है, लेकिन उसे पहले डब्ल्यूएफआई को भंग करना चाहिए.
अनुराग ठाकुर संग बैठक में ये लोग हुए शामिल
तीन बार राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता और बीजेपी नेता बबीता फोगाट गुरुवार को सरकार की ‘संदेशवाहक’ बनी और धरने पर बैठे पहलवानों को उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया जो भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद पहलवानों की टीम को फिर सरकार से बैठक के लिए बुलाया गया जिसमें तीन बार की कॉमनवेल्थ गेम्स चैंपियन विनेश फोगाट और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कांदियान शामिल थे. इन सभी ने अपने मुद्दों पर खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान और संयुक्त सचिव (खेल) कुणाल से भी चर्चा की. एक घंटे तक चली बैठक में पहलवानों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने को कहा गया और आश्वासन दिया गया कि उनकी शिकायतों का हल निकाला जाएगा.
72 घंटे के अंदर सरकार ने मांगा था स्पष्टीकरण
इस बीच, डब्ल्यूएफआई को मंत्रालय की 72 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने की मांग का जवाब देना अभी बाकी है, जिससे संशय बढ़ गया है. मंत्रालय हालांकि, बृज भूषण को इस्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं कर सकता जब तक कि उसे लिखित जवाब नहीं मिलता क्योंकि सरकार ने खुद डब्ल्यूएफआई से स्पष्टीकरण मांगा है.
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