'पंगे तो हैं, जैसे लोग...', इंडिया के यूट्यूबर ने इस देश को कर दिया बेनकाब! VIDEO शेयर कर बताई पूरी बात!
Indian YouTuber Faces Racism in South Korea: यूट्यूबर सांगवान ने यह स्वीकार किया कि भारत में भी नस्लवाद मौजूद है, लेकिन बाकी देशों के मुकाबले इसके स्वरूप और प्रभाव में अंतर है.
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Indian YouTuber Faces Racism in South Korea: भारतीय यूट्यूबर दीपांशु सांगवान ने हाल ही में दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान नस्लीय भेदभाव का सामना किया. दीपांशु अपना यूट्यूब चैनल 'नोमैडिक इंडियन' चलाते हैं और जिनके 1.7 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं. सांगवान ने एक वीडियो में बताया कि उन्हें कोरियाई लोगों से लगातार घूरती निगाहों का सामना करना पड़ा है, जिससे वे अपनी त्वचा के रंग के कारण अलग-थलग महसूस करने लगे.
'भारत में भी है नस्लवाद, पर स्वरूप अलग'
दीपांशु ने वीडियो में कहा, "हम भारतीय हैं, हमारी त्वचा भूरी है, इसमें हम क्या कर सकते हैं? हम इसी तरह पैदा हुए हैं." उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कोरियाई लोग आमतौर पर सफेद लोगों को एक 'एक्सोटिक' दृष्टिकोण से देखते हैं.
यूट्यूबर सांगवान ने यह स्वीकार किया कि भारत में भी नस्लवाद मौजूद है, लेकिन इसके स्वरूप और प्रभाव में अंतर है. उन्होंने कहा, "हम कोरियाई लोगों का भी मजाक उड़ा सकते हैं क्योंकि उनका बहुत सा सांस्कृतिक प्रभाव चीनी परंपराओं और अन्य स्रोतों से आया है. लेकिन हम दूसरों को ऐसे घूरकर नहीं देखते. हां, अफ्रीकी मूल के लोग भारत में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह उतना व्यापक नहीं है."
सोशल मीडिया पर गर्म चर्चा
सांगवान के इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर नस्लवाद पर एक बड़ी बहस छिड़ गई है. कई लोगों ने अपने स्वयं के अनुभव साझा किए. एक यूजर ने लिखा, "मेरे दोस्त ने सैमसंग में काम किया और तीन महीने के लिए सियोल गया. उसने मुझे बताया कि लंच ब्रेक के दौरान कोई कोरियाई उसके पास नहीं बैठता था. कुछ क्लबों में तो एशियाई या सफेद लोगों के अलावा किसी और को अनुमति भी नहीं मिलती."
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, "मुझे कभी कोई नस्लीय भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा, मैं सियोल में 11 साल पहले काम कर रहा था. कोरियाई लोग दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा मिलनसार थे. हां, मैंने थाईलैंड में नस्लवाद देखा है."
कुछ यूजर्स ने जापान और सिंगापुर में भी नस्लीय भेदभाव के अनुभव साझा किए. एक यूजर ने लिखा, "सिंगापुर में एक व्यक्ति ने मुझे बताया कि उन्हें भारतीय पसंद नहीं हैं क्योंकि हम बहुत शोर करते हैं, नियम तोड़ते हैं और नागरिक भावना की कमी होती है." दूसरे यूजर ने कहा, "पूरी दुनिया भारत के प्रति नस्लवादी है - वे हमारे जैसे स्वागतशील नहीं हैं, जैसा कि हम ऐतिहासिक रूप से बाहरी लोगों के लिए रहे हैं."
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